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गेहूं की फसल को नुकसान पहुंचा रहे आवारा पशु, किसान परेशान

गेहूं की फसल को नुकसान पहुंचा रहे आवारा पशु, किसान परेशान

By:Robin Sharma हापुड़। गढ़मुक्तेश्वर तहसील क्षेत्र में आवारा पशु किसानों की फसलों को चट कर रहे हैं। किसानों द्वारा बार-बार गुहार लगाने के बाद भी आवारा पशुओं को पकड़कर गोशाला नहीं भेजा जा रहा है, जिसे लेकर किसानों में रोष है। क्षेत्र के गांव मुरादपुर जनुपुरा निवासी किसान नितिन त्यागी, विकिल त्यागी, गांव लोदीपुर निवासी किसान मोनू, विपुल और लडपुरा निवासी अमरजीत तोमर और प्रमोद कर्दम का कहना है कि सैकड़ों की संख्या में घूम रहे आवारा पशु गेहूं की फसल को चट कर रहे हैं और सरसों की फसल को भी नुकसान पहुंचा रहे हैं। बताया जा रहा है कि झुंड के रूप में घूम रहे आवारा पशु मौका मिलते ही फसल पर धावा बोल देते हैं। बहुत से किसान खेतों पर मचान बनाकर रात-रात भर फसलों की रखवाली कर रहे हैं। हालांकि, जरा नजर बचते ही पशु फसलों को चर लेते हैं। यहां तक की आवारा पशुओं से किसानों को अपनी जान का खतरा भी बना हुआ है। अगर किसान फसल बर्बाद करते आवारा पशुओं को खेत से बाहर निकालने की कोशिश करते हैं तो पशु उनपर हमला भी कर देते हैं। जबकि किसानों के साथ-साथ किसान संगठन भी लंबे समय से मांग करते आ रहे हैं कि आवारा पशुओं को पकड़ कर गोशाला भेजा जाए लेकिन कोई सुनवाई नहीं हो रही है।

तारबंदी पर आता है 50 हजार रुपये प्रति एकड़ का खर्च
फसल को बर्बाद होने से बचाने के लिए किसान अपने खेतों की तारबंदी भी कर रहे हैं। खेत के चारों तरफ पिलर गाड़कर तार की फेंसिंग की जा रही हैं, ताकि फसल में आवारा पशु न घुसने पाएं। इस कार्य पर किसानों को प्रति एकड़ 40 से 50 हजार रुपये तक का खर्चा उठाना पड़ रहा है। किसानों ने बताया कि वह फसल को अपने बच्चों की तरह पालते हैं। तारबंदी पर पैसा खर्च करने के बावजूद भी आवारा छोटा पशुओं से वह अपनी फसल को नहीं बचा पा रहे हैं।

सर्दी में रात भर पहरा देने को मजबूर किसान
गढ़ क्षेत्र के गांव झड़ीना निवासी किसान राजवीर शर्मा और परमेंद्र कश्यप का कहना है कि भरी सर्दी में रात-रात भर पहरा देने के बावजूद आवारा पशु खेतों में घुसकर फसल को नुकसान पहुंचा रहे हैं। किसान परेशान है सरकार को इस दिशा में कदम उठाने चाहिए।

क्या कहते हैं अधिकारी
इस संबंध में एसडीएम अंकित कुमार वर्मा ने बताया कि कुछ गांव से ऐसे पशुओं को गौशाला में भेज दिया गया है।और बचे हुए आवारा पशुओं को जल्द ही गौशाला में भेजा जाएगा, जिससे किसानों की समस्या का समाधान हो सके।

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