अंतर्राज्य बस स्टेशन न बनने से गंगा भक्त हो रहे परेशान
खुद मुख्यमंत्री ने की थी बस स्टेशन बनवाने की घोषणा, आवागमन के दौरान झेलनी पड़ती हैं खूब दिक्कत

हापुड़। मुख्यमंत्री द्वारा की गई घोषणा के बाद भी कई साल बीत चुके हैं मगर अभी तक गंगानगरी के पास अंतर्राज्य बस स्टेशन का सपना परवान नहीं चढ़ पाया है, जिससे विभिन्न प्रांतों से धार्मिक अनुष्ठानों के लिए आने वाले श्रद्धालुओं को आवागमन में खूब दिक्कत झेलने के साथ ही भूमाफिया भी परिवहन निगम की बेशकीमती भूमि पर अपनी कुदृष्टि गढ़ाए हुए हैं। प्रदेश के प्रमुख तीर्थ स्थल हरिद्वार को सन 2001 में उत्तराखंड राज्य में सम्मिलित कर दिया गया था। जिसके बाद से ही मुक्ति धाम के रूप में विख्यात सदियों से उपेक्षित गढ़ ब्रजघाट गंगानगरी को इसी तर्ज पर विकसित कराए जाने की कवायद लगातार होती आ रही है। इस गंगानगरी को हरिद्वार की तर्ज पर विकसित कराने का बीड़ा तत्कालीन राजनाथ सिंह सरकार ने उठाया था, जिसके बाद 2012 में मेरठ दौरे पर आए तत्कालीन मुख्यमंत्री अखिलेश ने इसे तीर्थनगरी घोषित कर समूचित विकास कराने का दम भरा था। इसके पश्चात देश के सबसे बड़े राज्य की पहली बार सत्ता संभालने के महज तीन माह बाद ही मुख्यमंत्री योगी पांच जुलाई 2017 को यहां के दौरे पर आए थे। जिन्होंने हरिद्वार की तर्ज पर विकास के साथ ही कई योजना लागू कराने की घोषणा की थी। हरिद्वार के उत्तराखंड में जाने के बाद गढ़ ब्रजघाट पौराणिक नगरी का धार्मिक महत्व और भी बढ़ गया है, जिसके चलते सीएम योगी यहां के विकास को लेकर पूरी तरह गंभीरता बरतते आ रहे हैं। इसके पीछे असल वजह यह है कि यहां देश की राजधानी दिल्ली के साथ ही हरियाणा, राजस्थान और पश्चिमी उत्तर प्रदेश समेत कई राज्यों के हजारों श्रद्धालु प्रतिदिन गंगा स्नान, दिवंगतों का दाह संस्कार, अस्थि विसर्जन, बच्चों के मुंडन जैसे विभिन्न धार्मिक अनुष्ठान संपन्न करने के अलावा पिकनिक मनाने भी यहां आते हैं। प्रतिमाह पूर्णिमा अमावस्या पर लाखों श्रद्धालुओं का आगमन होता है। कार्तिक पूर्णिमा और ज्येष्ठ दशहरा के दौरान आयोजित होने वाले मेलों में तो पंद्रह लाख से भी अधिक की भीड़ जुटती है। आवागमन के दौरान बाहरी राज्यों के श्रद्धालुओं को काफी दिक्कत सहनी पड़ती है। इसी के चलते 12 जून 2018 को लखनऊ में आलमबाग बस टर्मिनल के लोकार्पण करने के दौरान खुद सीएम योगी ने परिवहन निगम के 23 बस स्टेशनों के आधुनिक उच्चीकरण और निर्माण की घोषणा की थी। जिसके अंतर्गत ब्रजघाट गंगानगरी से जुड़ी दिल्ली लखनऊ नेशनल हाईवे किनारे स्थित परिवहन निगम के स्वामित्व वाली 84 बीघा बेशकीमती भूमि में अंतर्राज्य बस स्टेशन के निर्माण को लेकर प्रारंभ हुई प्रक्रिया कागजों पर निरंतर चल तो रही है, परंतु अभी तक धरातल पर कुछ ही दिखाई नहीं पड़ रहा है। प्रदेश शासन के निर्देशन में प्रस्तावित अंतर्राज्य बस स्टेशन का निर्माण पब्लिक प्राईवेट पार्टनरशिप वाले फॉर्मूले के आधार पर होना है, जिसको लेकर काफी दिन पहले टेंडर आदि की प्रक्रिया भी हो चुकी है। परंतु इसके बाद भी बस स्टेशन का निर्माण कार्य प्रारंभ न होने से भूमाफिया प्रवृत्ति के लोग इस बेशकीमती जमीन पर अपनी कुदृष्टि गढ़ाए हुए हैं। बस स्टेशन बनने से गंगा भक्तों समेत इधर उधर आने जाने वाले यात्रियों को सभी जरूरी सुविधाओं के साथ ही अपने गंतव्य स्थलों तक पहुंचने के लिए हर समय बस सेवा भी मुहैया होने लगेगी। एआरएम हेमंत मिश्रा का कहना है कि ब्रजघाट के पास हाईवे किनारे स्थित परिवहन निगम की 84 बीघा भूमि में भव्य एवं आधुनिक सुविधाओं वाला बस स्टेशन बनाया जाना प्रस्तावित है, जिसको लेकर शासन स्तर से औपचारिकता पूरी कराई जा रही हैं।