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संस्कृति के दुष्प्रभाव और फैशन परस्ती की आड़ में बढ़ रही बेशर्मी से दूर रहने का संकल्प दिलाया

By:Mashkoor Ali हापुड़, गढ़मुक्तेश्वर। मजहबी उलेमाओं ने अच्छी तालीम दिलाकर बच्चों को भविष्य रोशन बनाने के साथ ही पाश्चात्य संस्कृति के दुष्प्रभाव और फैशन परस्ती की आड़ में बढ़ रही बेशर्मी से दूर रहने का संकल्प दिलाया। गढ़ क्षेत्र के गांव अठसैनी के मदरसा इस्लामिया अरबिया अरजुल उलूम में सोमवार को सालाना जलसे का आयोजन परंपरागत ढंग में किया गया। इस मौके पर कुरान शरीफ का हिफ्ज पूरा करने वाले दो बच्चों को पगड़ी बांधकर सम्मानित किया गया। मुख्य अतिथि के रूप में भाग ले रहे रामपुर के मौलाना अंसार ने कहा कि हर एक इंसान का नैतिक दायित्व है कि अच्छी तालीम दिलाकर बच्चों के भविष्य को रोशन किया जाए, भले ही इसके लिए एक वक्त की रोटी की त्याग करते हुए अपने सुख सुविधा वाली चीजों को क्यों न छोडना पड़ जाए। विशिष्ट अतिथि के रूप में भाग ले रहे मुरादाबाद के मौलाना असजद ने कहा कि भारतीय संस्कृति समूचे विश्व में अपना एक खास मुकाम रखती है, इसलिए तेजी से बढ़ रहे वैस्टर्न कल्चर के दुष्प्रभावों के साथ ही फैशन परस्ती की आड़ में बढ़ रही बेशर्मी से अपने साथ ही बच्चों को भी पूरी तरह महफूज रखना होगा। मौलाना अलाउद्दीन, मौलाना नसीम, मौलाना मुस्तकीम, कारी उस्मान, पूर्व प्रधान अफजाल, नुसरत अब्बासी ने कहा कि तालीम भले ही दुनियावी हो दीनी, परंतु बच्चों को हर हाल में पढ़ाकर कामयाबी की मंजिल पर पहुंचाना हर एक मां बाप की पहली जिम्मेदारी है। इस दौरान महिला और बच्चों समेत सैकड़ों ग्रामीण मौजूद रहे।

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