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शिव सेवा समिति ने लावारिस दिवंगतों की अस्थियों को विसर्जन कर आत्मा शांति के लिए प्रार्थना की

By:Robin Sharma

हापुड़/गढ़मुक्तेश्वर। देश की राजधानी दिल्ली समेत एनसीआर क्षेत्र से जुड़े श्मशान घाटों से हजारों लावारिस दिवंगतों की अस्थियों को चुनकर उनका शिव सेवा समिति ने मोक्ष दायिनी गंगा मैया की जलधारा में सामुहिक रूप में विसर्जन किया। दिल्ली समेत एनसीआर क्षेत्र के श्मशान घाटों में एक साल के भीतर हजारों लावारिस दिवंगतों का दाह संस्कार हुआ था, जिनमें से 8257 दिवंगतों की अस्थियों को शिव अस्थि सेवा विसर्जन समिति द्वारा अलग अलग श्मशान घाटों से एकत्र करते हुए सुरक्षित रखा जा रहा था। दिल्ली से प्रारंभ हुई अस्थि कलश विसर्जन यात्रा रविवार की दोपहर को ब्रजघाट तीर्थनगरी करते हुए लोक निर्माण विभाग के गैस्ट हाउस में पहुंची। जहां शिव अस्थि विसर्जन सेवा समिति द्वारा साधू संतों एवं पंडितों द्वारा किए गए वैदिक मंत्रोच्चारण के बीच गाय के दूध से स्नान कराया गया। इसके उपरांत सभी लावारिस दिवंगतों की अस्थियों को धार्मिक रीति रिवाज से मोक्ष दायिनी गंगा मैया की जलधारा में विसर्जित करने का अनुष्ठान किया गया। रामदास, वीरसिंह, रामकिशन, दया दत्त, रमेश, चंद्रवर्चा, शंभू शर्मा, कपिल भारद्वाज, महेश दास, ब्रह्मवती, कुसुम, ब्रह्मवती, कुसुम, देवेंद्र भारती, रेनू, सरोज, समरपाल ने बताया कि शिव अस्थि विसर्जन सेवा समिति द्वारा प्रतिवर्ष दिल्ली और एनसीआर क्षेत्र से जुड़े श्मशान घाटों से लावारिस दिवंगतों का अस्थियां एकत्र की जाती हैं। जिन्हें अस्थि कलश यात्रा के रूप में ब्रजघाट तीर्थनगरी में लाकर वैदिक रीति रिवाज से मोक्ष दायिनी गंगा में विसर्जित कराते हुए दिवंगतों की आत्मा शांति और मुक्ति को सभी अनुष्ठान संपन्न कराए जाते हैं।

गंगा आरती में भाग लेकर लावारिस दिवंगतों की आत्मा शांति को प्रार्थना की गई

अस्थियां विसर्जन करने के उपरांत शिव अस्थित विसर्जन सेवा समिति के कार्यकर्ताओं ने मोक्ष दायिनी गंगा मैया की हरिद्वार और बनारस की तर्ज पर होने वाली आरती में भाग लिया। जिसमें मुख्य रूप से लावारिस दिवंगतों की आत्मा शांति और मोक्ष प्राप्ति की कामना करते हुए मानव कल्याण और विश्व शांति को भी प्रार्थना की गई।

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