स्वास्थ्य उपकेंद्र पर लटक रहा ताला, इलाज को भटक रहे मरीज
हापुड़। ग्रामीण क्षेत्रों में स्वास्थ्य सुविधा उपलब्ध कराने के लिए स्वास्थ्य उपकेंद्र तो खोले गए हैं, लेकिन जिम्मेदारों की लापरवाही से आमजन को इसका लाभ नहीं मिल पा रहा है। इलाज के लिए लोगों को सीएचसी व जिला अस्पताल का चक्कर काटना पड़ता है। मंगलवार को शाह टाइम्स की टीम देहात क्षेत्र में पड़ताल के लिए निकली। तो तहसील क्षेत्र के गांव देवली-ढाना में स्थित स्वास्थ्य उपकेंद्र पर 11:30 बजे ताला लटका मिला। इलाज के लिए आये मरीजों को निराश होकर लौटना पड़ा। स्वास्थ्य संबंधी सामान्य परेशानियों का स्थानीय स्तर पर इलाज हो सके, इसके लिए ग्रामीण क्षेत्रों में स्वास्थ्य उपकेंद्र खोले गए हैं। यहां एएनएम के अलावा चिकित्सकों की भी तैनाती है, लेकिन इन केंद्रों के खुलने व बंद होने का कोई समय निर्धारित नहीं है।ग्रामीण क्षेत्र होने से यहां अधिकारियों की आवाजाही भी सामान्य तौर से कम होती है। ऐसे में स्वास्थ्य कर्मी व चिकित्साधिकारी इसका फायदा उठाकर अपने हिसाब से स्वास्थ्य उपकेंद्र का संचालन करते हैं। तहसील क्षेत्र के देवली-ढाना में बने स्वास्थ उपकेंद्र पर स्वास्थ्य कर्मियों की मनमानी के चलते हमेशा ताला लगा रहता है। यहां तैनात एएनएम कभी समय से उपकेंद्र नहीं खोलती हैं। इससे गरीबों व गर्भवती महिलाओं को टीका व इलाज के लिए भटकना पड़ता है। उम्मीद लेकर महिलाएं सहित अन्य मरीज उपकेंद्र पर आते हैं,और निराश होकर वापस लौट जाते हैं।
छलका दर्द
नाम उजागर ना करने की शर्त पर एक बुजुर्ग ग्रामीण ने बताया की उपकेंद्र पर तैनात स्वास्थकर्मी महीने में 4 से 5 दिन ही आते हैं, ज्यादातर स्वास्थ्य उपकेंद्र पर ताला लटका रहा है। महिलाओं ने बताया कि यहां दवा भी नहीं मिल पाती है। जब भी उपकेंद्र पर आओ तो घंटों इंतजार करना पड़ता है। ज्यादातर तो पूरे दिन उपकेंद्र बंद रहता है। यहां एएनएम की भी तैनाती है।
स्वास्थ्य उपकेन्द्र बीमार, सेवाएं बदहाल
उप स्वास्थ्य केंद्र देवली-ढाना में अव्यवस्थाओं का अंबार है। सरकार बेहतर स्वास्थ्य सेवा दिलाने के लिए हर संभव प्रयास कर रही है। कई योजनाएं ग्रामीण अंचल में चलाई जा रही हैं। गांवों में उप केंद्रों की स्थापना इस मकसद से कराई गई थी, कि लोगों को प्राथमिक उपचार वहां मिल सके, लेकिन देहात क्षेत्रों में कई ऐसे उपकेंद्र हैं, जो सरकारी सिस्टम की लापरवाही की वजह से अपनी बदहाली पर आंसू बहा रहे हैं। देवली-ढाना में बना प्राथमिक उप स्वास्थ्य केंद्र सालों से बदहाली का शिकार है। सुविधाओं के नाम पर यहां कुछ भी नहीं है। ग्रामीणों का आरोप है, पानी की समुचित व्यवस्था है ना कोई चिकित्सा सुविधा। स्वास्थ्य केंद्र परिसर में बुग्गी खड़ी है, बड़ी-बड़ी झाड़ी जैसी घास, मिट्टी के ढेर और गंदगी नजर आती है। स्वास्थ्य केंद्र की हालत देख कर लगता ही नहीं कि यहां चिकित्सा लाभ मिल सकता है। स्वास्थ्य विभाग की लापरवाही के चलते यहां के लोगों को सस्ती सुलभ स्वास्थ्य सेवाओं का लाभ नहीं मिल पा रहा है। स्वास्थ्य विभाग को ऐसे प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों की ओर ध्यान देना होगा, जिससे लोग चिकित्सा सेवा का लाभ उठा सकें। इस संबंध में सीएचसी प्रभारी डॉक्टर दिनेश कुमार भारती का कहना है, कि स्वास्थ्य उपकेंद्र का समय से खुलना जरूरी है। लोगों को स्वस्थ रखने के लिए यहां तैनात कर्मचारियों को निष्ठा से दायित्व का निर्वहन करने के निर्देश दिए गए हैं। स्वास्थ्य केंद्र ग्राम प्रधान की देखरेख में है, ग्राम प्रधान से बोलकर सफाई कराई जाएगी। उपकेंद्र बंद रहने की शिकायत नहीं मिली है, इसकी जांच कराई जाएगी। औचक निरीक्षण भी होगा और लापरवाही मिली तो कार्रवाई होगी।