आस्था: वट सावित्री व्रत पूजन आज, सुहागिन वटवृक्ष की विधिवत पूजा कर पति की लंबी आयु की कामना करतीं हैं
हापुड़। पतिव्रता स्त्रियों के पति की अकालमृत्यु से रक्षाकर अखंड सौभाग्य प्रदान करने वाला वट सावित्री व्रत पूजन ज्येष्ठ कृष्ण पक्ष अमावस्या 6 जून गुरूवार को किया जायेगा। इस दिन सुहागिन स्त्रियां वटवृक्ष की विधिवत पूजा करने के साथ सतयुग में हुए पुराणों में वर्णित सत्यवान व सावित्री की कथा सुनकर अपने पति की लंबी आयु की कामना करती है। पंडित विनोद कुमार शास्त्री ने बताया कि धर्मग्रंथों के अनुसार सावित्री के पतिव्रत व भक्ति से प्रसन्न होकर यमराज ने मृत हुए सत्यवान को जीवित कर दिया था तथा अखंड सौभाग्य का वरदान दिया था। सावित्री ने वरदान के रुप में यमराज से मांगा था कि जो भी स्त्री ज्येष्ठ अमावस्या को वटवृक्ष की पूजा करेंगी उसके पति की कभी भी अकाल मृत्यु नहीं होगी। महिलाओं को पूजन के बाद कच्चे सूत या कलावा से वट की 7 परिक्रमा कर बांधना चाहिए। पूजन में रोली, कलावा, पान, सुपारी, फल, कच्चा आम डंथल सहित, गेंहू, मिष्ठान, पकवान, पंखा, गंगाजल आदि सामान की आवश्यकता होती है धार्मिक मान्यतानुसार इस दिन वटवृक्ष का पूजन करने के साथ जल, पंखा आदि का दान भी करना चाहिए। अमावस्या तिथि 5 जून की रात्रि 7 बजकर 55 मिनट से 6 जून की शाम 6 बजकर 7 मिनट तक रहेगा।