Blogउत्तर प्रदेशउत्तर प्रदेशएक्सक्लूसिव खबरेंदिल्ली एनसीआरहापुड़

इंसेक्टिसाइड इंडिया फाउंडेशन एवं कृषि विज्ञान केंद्र बाबूगढ़ द्वारा कृषक गोष्ठी जागरूकता कार्यक्रम एवं प्रक्षेत्र दिवस का आयोजन किया गया

इंसेक्टिसाइड इंडिया फाउंडेशन एवं कृषि विज्ञान केंद्र बाबूगढ़ द्वारा कृषक गोष्ठी जागरूकता कार्यक्रम एवं प्रक्षेत्र दिवस का आयोजन किया गया

हापुड़ इंसेक्टिसाइड इंडिया फाउंडेशन एवं कृषि विज्ञान केंद्र बाबूगढ़ के संयुक्त तत्वाधान में गत दो वर्ष से चल रही परियोजना के अंतर्गत ग्राम दतियाना एवं सिखेड़ा में कृषक गोष्ठी/ जागरूकता कार्यक्रम एवं प्रक्षेत्र दिवस का आयोजन किया गया। इस अवसर पर केंद्र के प्रभारी अधिकारी डॉ. अरविंद यादव द्वारा किसानों के हित में रसायनों का संतुलित एवं आवश्यकता आधारित प्रयोग के विषय में विस्तार से चर्चा की गई। उन्होंने बताया कि किसान भाइयों को उनकी खेती में कीट एवं रोगों के प्रबंधन हेतु अधिक से अधिक जागरूक होने की आवश्यकता है। खेती में जानकारी का आभाव होने के कारण रसायनों का अंधाधुंध प्रयोग होना खतरे की घंटी बन गया है। किसानों को यह जानने की आवश्यकता है कि इंसेक्टिसाइड इंडिया लिमिटेड के रसायनों के प्रदर्शनों में यह सामने आया है की इनका संतुलित मात्रा एवं सही समय पर उपयोग करके कम खर्चे में खेती में मुनाफा कमाया जा सकता है। इस अवसर पर केंद्र के वैज्ञानिक डॉ आशीष त्यागी द्वारा एकीकृत नाशी जीव प्रबंधन पर चर्चा की गई। किसानों द्वारा गन्ने में पोका बोइंग, चोटी भेदक धान में तना भेदक कीट, ब्लाइट आदि के बारे में विस्तार से जानकारी दी गई । किसान भाइयों द्वारा आवश्यकता ना होने पर भी कई कीटनाशक एवं फफूंदी नाशकों को मिलाकर स्प्रे किया जा रहा है। जिससे न केवल आर्थिक नुकसान हो रहा है बल्कि कीड़ों में प्रतिरोधातमक क्षमता का भी विकास हो रहा है। इंसेक्टिसाइड इंडिया फाउंडेशन से आए वरिष्ठ वैज्ञानिक डॉ चरण सिंह द्वारा इंसेक्टिसाइड इंडिया लिमिटेड के गुणवत्ता युक्त उत्पादों के बारे में विस्तार से चर्चा की गई। उन्होंने बताया की कंपनी द्वारा 2 वर्ष पूर्व हापुड़ के चार गांवों सिखेड़ा, उपेड़ा, ततारपुर एवं दतियाना मे कीटनाशक, फंफूदीनाशको एवं वृद्धि कारकों के प्रदर्शन कार्यक्रम, कृषि विज्ञान केंद्र हापुड़ की देखरेख में आयोजित किए गए। जिसके काफी उत्साह वर्धक परिणाम सामने आए हैं। कार्यक्रम का संचालन श्री अखिल गंगवार द्वारा किया गया। उक्त कार्यक्रमों में कुल मिलाकर लगभग 100 किसानों ने प्रतिभाग किया।

Related Articles

Back to top button