साइबर ठगों के मकड़जाल को तोड़ने के लिए पुलिस कर रही प्रयास
हापुड़। साइबर ठगों के मकड़जाल को तोड़ने के लिए पुलिस पूरे साल प्रयास करती रही, लेकिन सफलता नहीं मिल सकी। ठग लगातार नए-नए पैंतरे अपनाकर लोगों के खाते खाली करते रहे हैं। पुलिस ने कुछ मामलों में आरोपियों को गिरफ्तार किया। कुछ पीड़ितों के रुपये भी वापस कराए। फिर भी पूरी तरह से अंकुश नहीं लगा सका है। छह माह में पुलिस ने ठगी से जुड़े 25 साइबर केस दर्ज किए। वहीं, आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस के जरिये वॉयस स्कैम और हनी ट्रैप के केस भी इस साल काफी चर्चा में रहे। एक जनवरी से 26 जून के बीच में साइबर ठगों ने कभी चर्चित वेबसाइट के जरिये ठगी की। तो कभी बैंक कर्मी बनकर डेबिट व क्रेडिट कार्ड का लालच देकर रकम उड़ाई। ऑनलाइन जॉब, बिजली का बिल, लोन, मनी ट्रांसफर, ई-केवाईसी, कस्टमर केयर के जरिये सैकड़ों लोगों की जमापूंजी उड़ाने में सफल रहे। पुलिस की कार्रवाई का खौफ इन साइबर ठगों को नहीं है। हाल यह है कि कई लोगों ने ठगों को पुलिस से पकड़वाने की धमकी भी दी। तो उल्टे जवाब मिला कि तुम हमारा कुछ नहीं बिगाड़ सकते।
पुलिस अधिकारियों का कहना है कि दूसरे प्रदेशों में बैठकर ऑनलाइन ठगी करने वाले गिरोह को गिरफ्तार कर पाना कठिन है। लगातार पता और सिम बदलते रहने की वजह से सर्विलांस के जरिये भी उनकी लोकेशन नहीं मिल पाती है। लोकेशन मिल भी जाए तो वे ऐसे बीहड़ में रहते हैं, जहां दबिश देना आसान नहीं है।
साइबर क्राइम पुलिस नें 28 पीड़ितों के रुपये वापस कराए
थाना साइबर क्राइम पुलिस नें 1 जनवरी 2024 से 26 जून 2024 तक में साइबर ठगी के शिकार हुए 28 पीड़ितों के 21 लाख 1 हजार 725 रुपये वापस कराए हैं।
तत्पर हैं टीमें, लगातार पकड़े जा रहे अपराधी
थाना साइबर क्राइम प्रभारी निरीक्षक नज़ीर अली खान ने बताया कि पुलिस ऐसे अपराधों की तफ्तीश के लिए हमारी टीमें तत्पर हैं। साइबर अपराधियों के प्रत्येक चुनौती का पुलिस के पास माकूल जवाब है। हालांकि लोगों की अज्ञानता, जल्दबाजी और कई बार लालच में पड़ने की वजह से अपराधी सफल हो जाते हैं।
इस तरह हो रही साइबर ठगी
1. क्रेडिट कार्ड या डेबिट कार्ड की जानकारी जुटाकर।
2. फर्जी शॉपिंग साइट और ई-कॉमर्स पोर्टल बनाकर।
3. कोविड केयर या समाज सेवा के नाम पर।
4. नौकरी का विज्ञापन निकालकर।
5. पीएम केयर फंड और प्रधानमंत्री बीमा योजना के नाम पर।
6. ई-कॉमर्स वेबसाइट पर सामान बेचने और खरीदने के नाम पर।
7. ऑनलाइन ब्लैक मेलिंग के मामले।
8. फेसबुक और मैट्रिमोनियल वेबसाइट से दोस्ती करके।
9. इंश्योरेंस पॉलिसी मेच्योर होने या पॉलिसी पर कैश बैक के नाम पर।
बचाव के लिए बरतें सावधानी
1. क्रेडिट कार्ड और डेबिट कार्ड और ओटीपी किसी को न बताएं।
2. कोई सिम, एटीएम या क्रेडिट कार्ड ब्लॉक होने की बात कर आपसे कोई एप या क्यूआर कोड स्कैन करने का कहे तो मना कर दें।
3. ऑनलाइन शॉपिंग करते समय सामान की कीमत को जरूर देखें, कहीं ऐसा तो नहीं किसी ने सामान पर ज्यादा छूट दी हुई हो। ऐसी साइट से सामान खरीदते समय सावधानी बरतें।
4. ऑनलाइन सामान खरीदते समय साइट पर शक हो तो कैश आन डिलीवरी के ऑप्शन पर जाकर ठगी से बच सकते हैं।
5. कोई बीमारी के नाम पर आपसे मदद मांगे तो बिना पड़ताल के किसी को भी रुपये न दें।
6. सरकार की लाभकारी योजनाओं के लिए रुपया खर्च करने से पूर्व इन साइट्स की अच्छी तरह पड़ताल कर लेना चाहिए।