Blogउत्तर प्रदेशएक्सक्लूसिव खबरेंराजनीतिहापुड़

सत्ता की जंग 2024: सोशल मीडिया पर चल रही सियासी जंग

By:Robin Sharma

हापुड़। देश की सबसे बड़ी पंचायत के चुनाव में अब सोशल मीडिया का प्रचलन इतनी तेजी से बढ़ता जा रहा है कि उसे खोलते ही नेता जी हाथ जोडकर समर्थन मांगते हुए नजर आ रहे हैं। बच्चों में आकर्षण का केंद्र रहने वाले बिल्लों का प्रचलन अब लुप्त सा हो चुका है, जिसकी जगह सोशल मीडिया का प्रचलन बढ़ा है। समय चक्र में आ रहे बदलाव के कारण अब लोकसभा चुनाव के प्रचार में बड़े स्तर पर परिवर्तन हो चुका है। सुबह सवेरे से लेकर देर रात तक मतदाताओं के बीच पहुंचकर नेता जी उन्हें अपनी बात समझाकर लामबद्ध करने का प्रयास करते थे। जिसके कारण  गली मोहल्लों से लेकर चौपालों पर होने वाली बैठकों में हुक्कों की गड़गड़ाहट के बीच जमकर राजनीतिक चर्चा चलती रहती थीं। परंतु इस आधुनिक दौर में सोशल मीडिया ने चुनाव प्रचार का पुराना परंपरागत सारा ही अंदाज बदलकर रख दिया है। गढ़ अमरोहा लोकसभा सीट से चुनाव मैदान में किस्मत आजमा रहे प्रत्याशियों के साथ ही उनके परिजन, सगे संबंधी और पार्टियों से जुड़े कार्यकर्ता भी सोशल मीडिया पर पूरी तरह एक्टिवेट हो उठे हैं। अधिकांश प्रत्याशियों ने सोशल मीडिया पर अपना चुनाव प्रचार करने के उद्देश्य से उसके विषय में बारीकी से जानकारी रखने वालों को भी जिम्मेदारी सौंपी हुई है। सोशल मीडिया स्पेशलिस्ट अपने प्रत्याशियों के चुनाव प्रचार के साथ ही उनसे जुड़ी पार्टियों की नीतियों का फेसबुक, इंस्टाग्राम, वाट्सएप और ट्विटर पर जमकर प्रचार प्रसार करते हुए मतदाताओं पर खूब डोरे डालने में जुटे हुए हैं। भाजपा, बसपा, कांग्रेस समेत अधिकांश प्रत्याशियों ने अपने चुनाव प्रचार की विस्तृत रिपोर्ट सोशल मीडिया पर पोस्ट कराने के उद्देश्य से कार्यालयों में आईटी कार्यकर्ताओं को भी अलग से जिम्मेदारी सौंपी हुई है। सोशल मीडिया का प्रचलन बढने से लोकसभा चुनाव के मैदान में किस्मत आजमा रहे अधिकांश प्रत्याशियों का चुनाव प्रचार अभी तक जोर नहीं पकड़ पाया है। वहीं दूसरी तरफ भारत निर्वाचन आयोग की बंदिश और आदर्श चुनाव आचार संहिता का उल्लंघन होने के डर से आम मतदाता चुप्पी साधना बेहतर मान रहे हैं, हालांकि दूसरी तरफ सोशल मीडिया पर प्रत्याशियों के चुनाव प्रचार का जमकर प्रसार चल रहा है।

Related Articles

Back to top button