कई दिनों से चला आ रहा विवाद लिखित में माफी के बाद निपटा
गंगानगरी की धर्मशाला में हुई पंचायत, कई धार्मिक एवं सामाजिक संगठनों के प्रतिनिधि रहे मौजूद
By: Kabal Singhहापुड़, गढ़मुक्तेश्वर। लिखित में माफी मांगे जाने पर हरियाणा के श्रद्धालु द्वारा तीर्थ पुरोहित समेत चारों लोगों को क्षमा करने के बाद कई दिनों से चला आ रहा विवाद किसी भी कार्रवाई के बिना निपट गया। ब्रजघाट गंगानगरी की एक धर्मशाला में खुली पंचायत का आयोजन हुआ। जिसमें नमामि गंगे तीर्थ पुरोहित संघ के अध्यक्ष पंडित अमित राय गौतम, आदर्श गंगा तीर्थ पुरोहित सभा अध्यक्ष पंडित राजकुमार लालू, गंगा सभा आरती समिति के महामंत्री विष्णु दत्त नागर समेत विभिन्न धार्मिक एवं सामाजिक संगठनों से जुड़े सुनील राय गौतम, शिवशंकर शर्मा, शिवा कौशिक, पराग शर्मा, आकाश शुक्ला, रिंकू शुक्ला, हिमांशु शर्मा, मनोज शर्मा, दीपक शर्मा, रोहन शर्मा, लोकेश गुरु मौजूद रहे। पंचायत के दौरान हरियाणा राज्य के जींद से आए श्रद्धालु प्रमोद कुमार बंसल ने अपना दुखड़ा सुनाया। उन्होंने बताया कि 13 फरवरी को वह दिवंगत परिजन की अस्थियों का विसर्जन और पिंडदान कराने गंगानगरी में आया था। जहां उक्त अनुष्ठान कराने की एवज में एक तीर्थ पुरोहित समेत तीन अन्य लोगों ने ग्यारह हजार की रकम मांगते हुए उसे अधिक बताए जाने पर जमकर अभद्रता कर दी थी। पीड़ित श्रद्धालु ने बताया कि इस घटना से आहत होकर उसके द्वारा शिकायत करने पर पुलिस आरोपी तीर्थ पुरोहित को चौकी में ले आई थी, परंतु किसी भी कार्रवाई के बिना छोड़ दिया गया था। जिस पर उसने जनपद के आला अधिकारियों को ऑन लाइन ढंग में अपनी शिकायत की थी। पंचायत में मौजूद सामाजिक एवं धार्मिक संगठनों से जुड़े प्रतिनिधियों ने इस घटना पर कड़ी नाराजगी जताई। जिसके बाद उनकी मौजूदगी में आरोपी तीर्थ पुरोहित समेत उससे जुड़े तीनों अन्य लोगों ने लिखित में माफी मांग ली, जिसके बाद हरियाणा के श्रद्धालु ने उक्त चारों को माफ करते हुए अपने साथ हुई घटना को किसी भी कार्रवाई के बिना रफादफा करने पर सहमति जता दी। गंगा सभा आरती समिति के महामंत्री विष्णु दत्त नागर ने बताया कि लिखित में माफी मांगे जाने के बाद पीड़ित श्रद्धालु ने आरोपियों को खुली पंचायत में क्षमा करते हुए अपनी शिकायत को भी अब वापस कर लिया है। ब्रजघाट चौकी प्रभारी इंद्रकांत यादव का कहना है कि धार्मिक अनुष्ठानों की आड़ में अवैध वसूली और विरोध करने वालों से अभद्रता होना बेहद गंभीर मामला है, परंतु खुली पंचायत में तीर्थ पुरोहित समेत सभी आरोपियों द्वारा लिखित में माफी मांगने पर पीड़ित श्रद्धालु के संतुष्ट होने के कारण इस बार कोई भी कार्रवाई नहीं की गई है। परंतु अगर भविष्य में इस तरह की कोई भी घटना हुई तो दोषियों को किसी भी दशा में बख्शा नहीं जाएगा।