75 वां सालाना उर्स कादरी इब्राहीमी राजशाही
75 वां सालाना उर्स कादरी इब्राहीमी राजशाही
गुलफाम सैफी संवाददाता हापुड़
हर साल की तरह इस साल भी कुत्बे अलम औलादे गौसे आज़म हजरत हाफिज सैयद मोहम्मद इब्राहीम शाह साहब कादरी राजशाही का सालाना उर्स ग्राम सरावा में पूरी शानो शौकत के साथ मनाया गया। महफिल का आगाज तिलावते कलाम ए पाक से हाफ़िज़ कारी अब्दुल कादिर साहब ने किया। सरपरस्ती दरगाह के सज्जादा नशीन पीरे तरीकत हजरत मौलाना हमीदुल्लाह राजशाही इब्राहीमी अलीमी ने की सदारत हज़रत अल्लामा शम्स कादरी साहब प्रिंसिपल मदरसा इस्लामिया अरबिया अंदर कोर्ट ने की, निज़ामत के फ़राइज़ हज़रत सैय्यद केसर खालिद साहब व हाफ़िज़ ताहिर साहब अशरफी ने मुश्तरका तोर पर दोनों हज़रात ने अंजाम दिए, मेहमाने खुसूसी मुफ्ती रहमतुल्लाह साहब मिस्बाही रहे उन्होंने अपनी तकरीर में कहा कि हजरत हाफिज इब्राहीम शाह ऐसे बुजुर्ग हैं जिन्होंने अपनी पूरी जिंदगी मखलूक की खिदमत और रब की इबादत में गुजार दी। और दुनिया को यही पैगाम दिया कि लोगों की मदद करते रहना और कभी झूठ नहीं बोलना दुनिया की हर बुराई से बच जाओगे मुफ्ती इश्तियाक उल कादरी साहब ने अपनी तकरीर में कहा कि हजरत हाफिज इब्राहिम का एक ऐसे बुजुर्ग हैं जिन्होंने अपनी पूरी जमीन 27 सौ बीघा जमीन गरीबों में बांट दी और अपना मकान मिट्टी का कच्चा रखा और जो भी आ गया उसी की मदद करी चाहे वो किसी जाति या धर्म का हो l । मुफ्ती वासीफ साहब मुफ्ती रहीस साहब कारी इसरार राजशाही ने भी तकरीर पेश की l हाफिज मोहम्मद उमर ने अपनी तक़रीर में कहा की अहले बेत की मुहब्बत में सब कुछ मिलता हे!शायरे इस्लाम इंतखाब आलम संभली राजशाही ने अपनी लाजवाब शायरी से महफिल में चार चांद लगा दिए,हाफिज दानिश , सूफी शफीक , आमिर मेरठी ,नूर मोo जिगर मिस्बाही , फिरोज राजशाही शायरों ने अपनी शायरी से खूब खूब समां बांधा। उर्स में चादर पेश की गई गुलपोशी लंगर पेश किया गया सभी धर्मो के लोगों ने खूब बढ़ चढ़कर हिस्सा लिया उसके बाद दरगाह के सज्जादा नशीन पीरे तरीकत हजरत मौलाना हमीदुल्लाह राजशाही इब्राहीमी अलीमी ने अपने मुल्क भारत में अमन शांति आपसी भाईचारे व देश के तरक्की के लिए दुआ कराई सैकड़ों लोगों ने आमीन कहा उसके बाद सभी जायरीन पीरे तरीकत मौलाना हमीद उल्लाह राजशाही से दुआ व प्रसाद लेकर रुखसत हुए उर्स शरीफ मैं काफी तादाद में लोग शामिल हुए मुख्य रूप से हाजी दीन मोहम्मद , सूफी मोहम्मद अली , सूफी निशात उल्लाह, इनामुल्लाह खान ,हाजी शमशाद , सूफी अशफाक , सूफी अशरफ उल्लाह ,सूफी शकील, जियाउल्लाह ,समीर खान , डॉक्टर शोएब , हाजी अब्दुल करीम ,असदुल्लाह ,बशारत खान,इमरान खान, सलाउद्दीन सेफी, सूफी नईम ,शमशाद खान सोनू ,फजरो , आरिफ उल्लाह, शुजा उल्लाह , तारीक, सरफराज खान ,गुड्डू खान, डॉक्टर समीर खा, अंसार खान, शब्बू खा, नासिर खान, सलमान खान, खुर्रम खान , इरफ़ान खान,शमशाद प्रधान , जिक्रया खा ,अशरफ खान ,हाजी अब्दुल गफ्फार, सूफी जाहिद, सूफी रियासत , सूफी इंतजार, हाफिज जुबेर, आस मोहम्मद, मास्टर महबूब अली, हाजी निजाम, सूफी इरफान, सूफी यूनुस, आसिफ, जलाल, सलाउद्दीन सैफी ,सूफी महफूज, कारी नईम राजशाही, शाबाज खान, सूफी आसिफ साहफैज़ खान, शाहनवाज खान, जाने आलम खान, डॉक्टर बहारे, शानू, साहिब ए आलम, दानिश खान, चुम्मा खान, आरिफ पेंटर, सूफी सगीर, सूफी असलम, सूफी जमाल, सूफी क़ासिम, सूफी ताहिर, हाजी शमशाद,सूफी बज्जू सहित सैकड़ों लोग शरीक हुए l