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टूटी सड़कों पर बिखर सकते हैं वोट

By:Robin Sharma हापुड़। उत्तर प्रदेश में लोकसभा चुनाव का बिगुल बज चुका है। केंद्रीय चुनाव आयोग ने पिछले शनिवार को लोकसभा चुनाव 2024 के कार्यक्रम का ऐलान कर दिया है। सबसे ज्यादा 80 लोकसभा सीटों वाले राज्य यूपी में सात चरणों में चुनाव कराया जाएगा। जिसमें एक गढ़-अमरोहा लोकसभा सीट भी शामिल है। जिसका चुनाव दूसरे चरण में होगा। दूसरे चरण का नामांकन 28 मार्च को शुरू होगा,जिसकी 26 अप्रैल को वोटिंग होगी और 4 जून को उसके नतीजे आएंगे। लेकिन यहां गड्ढों से भरी नगर सहित ग्रामीण क्षेत्र की सड़कें विकास की पोल खोल रही हैं। इससे चुनाव भी अछूता नहीं रहेगा। इस पर जनता प्रत्याशियों से सवाल करने की तैयारी में है। ऐसे में टूटी सड़कें वोट बिखेरने की बड़ी वजह बन सकती हैं। हालात यह हैं, कि कुछ सड़कों को जल निगम ने खुदाई के बाद ऐसे ही छोड़ दिया है। वहीं कई ऐसी हैं जिनमे गहरे गड्ढे हो गए हैं। गड्ढे भी ऐसे कि जरा सा चूके तो जान खतरे में पड़ जाए। इस तरफ बड़े-बड़े वादे करने वाले जनप्रतिनिधियों ने कोई ध्यान नहीं दिया। नतीजतन टूटी सड़कों से पूरे क्षेत्र की जनता प्रभावित हो रही है।

पूछेंगे कहां किया गया विकास
बहादुरगढ़ क्षेत्र के गांव पलवाडा से नेकनामपुर नानई की ही सड़क नहीं बल्कि दर्जनो सड़के ऐसी नहीं है जो चलने लायक हैं। सालों से जनता इन  टूटी सड़कों से परेशान हैं। नेता चुनाव के समय झूठे वादे करते हैं। और चुनाव के बाद उन वादों को भूल जाते हैं।अब गेंद जनता के पाले में है,अब तो वोट मांगने आने वाले नेताओं से ही जवाब मांगा जाएगा।- जीते चौहान, भाकियू नेता

सलारपुर से पलवाड़ा और ब्रजघाट का टुटा मार्ग
सलारपुर से पलवाड़ा ब्रजघाट की सडक पूरी तरह गड्ढे और बजरी में तब्दील हो गई है,इस मार्ग पर इतने गड्ढे हैं,कि गिना नहीं जा सकता है।और दुपहिया सवार खुद को गड्ढे से बचा भी लेगा तो बजरी पर फिसलने से बचना मुश्किल ही है। इस रोड पर आए दिन हादसे होते रहते हैं।- ग्रामीण नदीम पलवाड़ा

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