नवरात्र: चार सौ साल बाद बन रहा शुभ योग
हापुड़। नौ शुभ योग में शारदीय नवरात्र शुरु होने के कारण यह सबसे शुभ योग चार सौ साल बाद बन रहा है। इस बार देवी मैया हाथी पर सवार होकर आएंगी, जिसके कारण नवरात्र में खरीदारी करने का विशेष लाभ मिलेगा। इस बार नवरात्रि की शुरुआत रविवार को होने से देवी मैया हाथी पर सवार होकर आएंगीं, जो सभी प्रकार के कष्टों से मुक्ति का शुभ संकेत होने के साथ ही यह सुख-समृद्धि का भी प्रतीक है। हाथी का संबंध विघ्नहर्ता गणेश और देवी महालक्ष्मी से भी है।
इस कारण इन दिनों की गई खरीदारी शुभ होगी और निवेश लंबे समय तक फायदा देने वाला रहेगा। ब्रजघाट गंगा आरती के मुख्य पुजारी पंडित योगेंद्र शर्मा और गुरुकुल पूठ आरती के पुजारी पंडित विनोद शर्मा शास्त्री का कहना है कि पंद्रह अक्तूबर के ग्रह-नक्षत्र हर्ष, शंख, भद्र, पर्वत, शुभकर्तरी, उभयचरी, सुमुख, गजकेसरी और पद्म नाम के योग बना रहे हैं। तेइस अक्तूबर तक चलने वाले शक्ति पर्व में पद्म, बुधादित्य, प्रीति और आयुष्मान योग के साथ ही तीन सर्वार्थसिद्धि, तीन रवियोग और एक त्रिपुष्कर योग रहेगा। जबकि दशहरा स्वयं में अबूझ मुहूर्त होता है। तेइस अक्तूबर तक हर तरह की खरीदारी, रियल एस्टेट में निवेश और नए कामों की शुरुआत के लिए नवरात्र के नौ दिन बेहद शुभ रहेंगे।
हर नवरात्र में बदलती है देवी की सवारी
भैरो मंदिर के प्रबंधक पंडित अशोक भारद्वाज ने बताया कि देवी मैया का वाहन तो शेर ही होता है, लेकिन देवी भागवत और अन्य ग्रंथों के मुताबिक हर नवरात्र में देवी की सवारी अलग-अलग होती है। देवी की सवारी नवरात्रि के पहले दिन से तय होती है। इस बार रविवार को नवरात्र शुरू होने पर देवी हाथी पर सवार होकर आएंगी, जो कि सुख-समृद्धि का संकेत है। तेइस अक्तूबर का सोमवार नवरात्र का आखिरी दिन रहेगा, जिस दिन सर्वार्थसिद्धि और रवियोग बनने से देवी की विदाई भी शुभ रहेगी।
दुर्लभ संयोग, नौ शुभ योग में शुरू होगा नवरात्र पर्व
दुर्गा मंदिर के पुजारी पंडित आचार्य विवेक तिवारी का कहना है कि खरीदारी, निवेश और नई शुरुआत के लिए पंद्रह से तेइस अक्तूबर तक हर दिन शुभ रहेगा। इस साल नौ शुभ योग में नवरात्र शुरू होने से सितारों की ऐसी स्थिति पिछले चार सौ सालों में नहीं बनी। इन दिनों में प्रॉपर्टी खरीदने से लेकर नया बिजनेस शुरू करने तक के सभी शुभ मुहूर्त रहेंगा। अकेले पूजा-पाठ ही नहीं बल्कि नई शुरुआत और खरीदारी के लिए भी ये दिन बहुत शुभ हैं।
राजनीति की शुरुआत और साझीदारी के लिए रहेगा शुभ
पंचायती मंदिर के पुजारी पंडित सुरेंद्र प्रसाद शर्मा का कहना है कि अमृतसिद्धि योग ज्येष्ठा नक्षत्र और पूर्णा तिथि संयोग रवियोग के साथ षष्ठी तिथि और मूल नक्षत्र का संयोग इक्कीस अक्तूबर को होने के कारण त्रिपुष्कर योग और चित्रा नक्षत्र होने से इस दिन राजनीति की शुरुआत अथवा साझीदारी में कोई कार्य प्रारंभ करना बेहद शुभ रहेगा।