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दीपदान: धरती पर उतरा आसमान, गंगा में अलंकित हुआ माहौल

By:Rahul Sharma

हापुड़। बृहस्पतिवार शाम को घोर अंधेरे से घिरे गंगा के तट पर, एक-दो-तीन, चार-पांच कर भारी संख्या में श्रद्धालु पहुंचते गए। गंगा में आस्था की डुबकी लगाई। परिवार को हमेशा को अलविदा कह गए सदस्यों की दिवंगत आत्माओं को याद किया और उनकी शांति व मुक्ति की प्रार्थना करते हुए नम आंखों से पिंड के अंदर दीप जलाया और गंगा को विसर्जित कर दिया। बृहस्पतिवार को सूर्य अस्त के साथ देर रात तक गंगा तटों पर कुछ ऐसा ही नजारा देखने को मिला। आज कार्तिक पूर्णिमा का मुख्य स्नान है। इस पर्व की पूर्व संध्या पर कच्चे घाट और ब्रजघाट में भारी संख्या में श्रद्धालु पहुंचे। उनके द्वारा अपने परिवार की दिवगंत आत्माओं की शांति के लिए दीपदान किया गया। रोडवेज बस, ट्रेन, ट्रैक्टर ट्राली, निजी कार व बाइक इत्यादि साधनों से यह श्रद्धालु जाम, धूल और पुलिस व टोल टैक्स वाले कर्मियों की टोका-टोकी व भीड़-भाड़ से जूझते व हटो-बचो करते हुए मेला स्थल गंगाधाम पहुंचे। श्रद्धालुओं की चहल पहल के साथ कभी धार्मिक तो कभी फिल्मी गीतों की गूंज कानों तक पहुंच रही थी। कोई अपनी मां, कोई पिता तो भाई की आत्मा शांति के लिए भी दीपदान करने पहुंचे। सभी ने गंगा में स्नान के बाद दीपदान किया। इस दौरान पिंड में रखे जलते हुए दीपदान करते वक्त श्रद्धालुओं की आंखे भी नम हो रही थी। दीपदान के साथ ही श्रद्धालु वस्त्र, जूते, चप्पल, रूपये-पैसे के अलावा दिवंगत आत्माओं की पंसद की चीजों का भी पुरोहितों को दान कर रहे थे। इस दौरान दिवंगत आत्माओं की शांति व मुक्ति के लिए प्रार्थना की जा रही थी। खास बात यह कि सूर्य अस्त होने के समय से देर शाम तक चले दीपदान से गंगा घाट दीपों की रोशनी से जगमगा उठ रहे थे। ऐसा प्रतीत हो रहा था मानों आसमान में टिमटिमाने वाले तारे गंगा तट पर उतर आए हों।

दीपदान के लिए विशेष इंतजाम

कच्चे घाट ओर ब्रजघाट पर गंगा पर दीपदान को उमड़ने वाले श्रद्धालुओं की भीड़ के साथ गंगा घाटों पर विशेष इंतजाम रहे। घाटों पर दीपदान की सामग्री लेकर ब्राह्मण मौजूद रहे। पूजा की सामग्री में पिंडदान, दीप, लौंग, बताशे, बांस की चटाई आदि सामग्री गंगा घाटों पर मौजूद रहे। काफी श्रद्धालु अपने घरों से दीपक और घी आदि लेकर गंगा घाट पर पहुंचे। तो कुछ लोगों ने गंगा घाट से दीपदान का सभी सामान खरीदा।

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