गंगा के कच्चे घाटों पर श्रद्धालुओं की सुरक्षा से लेकर सुविधा से जुड़ीं व्यवस्था पूरी तरह नदारद

हापुड़। लठीरा के कच्चे घाट पर महिला बच्चों समेत लाखों की भीड़ गंगा में स्नान करती है, परंतु इसके बाद भी वहां सुरक्षा से लेकर श्रद्धालुओं की सुविधा से जुड़ीं व्यवस्था पूरी तरह नदारद हैं। पौराणिक खादर मेला स्थल से जुड़े गांव लठीरा के कच्चे घाट पर प्रतिमाह पूर्णिमा और अमावस्या पर लाखों श्रद्धालुओं की भीड़ गंगा में स्नान समेत विभिन्न अनुष्ठान करने आती है। कार्तिक पूर्णिमा और ज्येष्ठ दशहरा मेले के दौरान तो श्रद्धालुओं की यह संख्या बढक़र कई गुना तक हो जाती है। ब्रजघाट गंगा किनारे नावों की भरमार, आवागमन के दौरान दिल्ली लखनऊ नेशनल हाईवे पर जाम का झाम और दोने, पत्तल समेत पूजा सामग्री की जलधारा में भरमार होने के कारण दिल्ली, गाजियाबाद, नोएडा, मेरठ, बागपत, हापुड़, बुलंदशहर समेत आसपास के कई जनपदों के श्रद्धालुओं की संख्या कच्चे घाट पर आए साल तेजी से बढ़ती जा रही है। परंतु इसके बाद भी कच्चे घाट पर अभी तक जन सुविधाओं का पूरी तरह टोटा बना हुआ है, क्योंकि श्रद्धालुओं को गहरे पानी में जाने से रोकने के लिए किनारे पर बैरिकेडिंग की कोई व्यवस्था नहीं है। डूबने वालों को बचाने के लिए सरकारी स्तर से गोताखोरों की भी कोई तैनाती नहीं है और न ही रात के अंधेरे में स्नान करने वालों की सुविधा के लिए रोशनी की व्यवस्था ही संभव हो पाई है। ज्येष्ठ दशहरा मेले के दौरान 14 से लेकर 16 जून तक लठीरा के इस कच्चे घाट पर महिला बच्चों समेत लाखों गंगा भक्तों की भीड़ जुटेगी, परंतु इसके बाद भी संबंधित विभागों द्वारा श्रद्धालुओं की सुरक्षा और उनकी सुविधा से जुड़ीं व्यवस्थाओं को लेकर कोई भी प्रक्रिया प्रारंभ नहीं कराई जा सकी है। कच्चे घाट के संचालक एवं पूर्व पालिका सभासद डीपी निषाद का कहना है कि जिला पंचायत विभाग द्वारा श्रद्धालुओं से जुड़ीं जन सुविधाओं की तरफ कोई ध्यान नहीं दिया जा रहा है। बरसात के सीजन में कच्ची सडक़ों पर जलभराव होने से हालात और भी बदतर होने से श्रद्धालुओं को कच्चे घाट में आना जाना बड़ी चुनौती बन जाती है। एसडीएम साक्षी शर्मा का कहना है कि संबंधित विभाग को लठीरा के कच्चे घाट पर हरसंभव जन सुविधा मुहैया कराए जाने का निर्देश दिया जाएगा।