Blogउत्तर प्रदेशएक्सक्लूसिव खबरेंगाजियाबाददिल्ली एनसीआर

भारत बंद: बहुजन समाज ने एसडीएम को ज्ञापन सौंपा

By:Lalit Sirohi

गाजियाबाद। भारत बंद के आवाहन पर गाजियाबाद के मोदीनगर में बंद का कोई खास असर नही दिखाई दिया। मोदीनगर की तहसील में एसडीएम पूजा गुप्ता को समस्त बहुजन समाज के लोगों ने ज्ञापन सौंपा। यहाँ पर पुलिस प्रशासन अलर्ट मोड पर दिखाई दिया। सुप्रीम कोर्ट के महत्वपूर्ण फैसले में अनुसूचित जाति (SC) और अनुसूचित जनजाति (ST) आरक्षण में उपवर्गीकरण और क्रीमीलेयर के निर्धारण का अधिकार राज्यों को सौंप दिया है। यह निर्णय दविंदर सिंह बनाम पंजाब राज्य मामले में सुनाया गया। इस फैसले के बाद देशभर में बहस का दौर शुरू हो गया है, खासकर बहुजन समाज में, बहुजन समाज के प्रतिनिधियों ने 4 और 9 अगस्त 2024 को आयोजित प्रेस कॉन्फ्रेंस में इस फैसले पर गहरी चिंता व्यक्त की थी। उनका कहना है कि इस निर्णय से SC/ST समुदाय के भीतर असमानता और विभाजन की संभावना बढ़ेगी। उनका तर्क है कि अनुसूचित जाति और जनजाति वर्ग के भीतर वर्गीकरण करने का अधिकार केवल संसद और राष्ट्रपति को होना चाहिए, जैसा कि 2004 में ई. वी. चिन्नैया बनाम आंध्र प्रदेश राज्य मामले में सुप्रीम कोर्ट की पांच जजों की संवैधानिक पीठ ने स्पष्ट किया था। बहुजन समाज का यह भी कहना है कि इस फैसले से राज्य सरकारों को मनमानी करने का अवसर मिलेगा, जिससे SC/ST की विभिन्न जातियों के बीच फूट पड़ सकती है और राष्ट्रीय एकता और अखंडता पर असर पड़ सकता है। बहुजन समाज ने केंद्र सरकार से इस फैसले को निरस्त करने के लिए संविधान संशोधन लाने और SC/ST आरक्षण को संविधान की 9वीं अनुसूची में शामिल करने की मांग की है। उनका कहना है कि इससे भविष्य में इस तरह के विवादों से बचा जा सकेगा। अब सबकी नजरें केंद्र सरकार और विभिन्न राज्य सरकारों पर हैं, कि वे इस फैसले पर क्या रुख अपनाते हैं और इसे कैसे लागू करते हैं।

Related Articles

Back to top button