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महिलाओं ने होली का पूजन कर भक्त प्रह्लाद और होलिका मैया से जुड़े परंपरागत मंगल गीत गाए

होली के पावन अवसर पर महिलाओं ने विभिन्न प्रकार व्यंजन बनाए और उपवास रखा

By:Robin Sharma हापुड़। होली के पर्व पर महिलाओं ने उपवास रखा और परंपरागत मंगल गीतों के बीच होलिका का पूजन किया। बच्चों ने घरों में जाकर बुरकले फेंक भक्त प्रह्लाद की कथा सुनाई। जबकि देर शाम को विधिवत रूप से क्षेत्र में पुरुषों के द्वारा होलिका का दहन किया गया। होली के पावन अवसर पर रविवार को महिलाओं ने अपने घरों में विभिन्न प्रकार व्यंजन बनाए और उपवास रखा। अधिकांश महिलाओं ने गंगा स्नान करने के बाद समूह के रूप में वैदिक रीति रिवाज से होली का पूजन किया। इस दौरान महिलाओं ने भक्त प्रह्लाद और होलिका मैया से जुड़े परंपरागत मंगल गीत भी गाए। महिलाओं ने पंडित और अपने मानों को नए वस्त्रों की भेंट भी दी। बच्चों ने घर-घर जाकर गौ माता के गोबर से बने बुरकले फेंके, जिन्हें होली के अवसर पर बेहद शुभ माना जाता है। बच्चों ने भक्त प्रह्लाद की कथा भी सुनाई। प्रात:काल से लेकर सूर्यास्त होने तक महिलाओं द्वारा होली का पूजन किए जाने का सिलसिला निरंतर चलता रहा। जबकि देर शाम को कस्बा बक्सर, सिंभावली मिल, हरोड़ा रोड, बहादुरगढ़, डेहरा कूटी, गढ़ नगर, पुराना बाजार मंडी बाजार आदि में लगी होली को रीति रिवाज के साथ होलिका दहन किया गया।

गन्ना और जौं की बाली की जमकर बिक्री हुई
होलिका दहन के दौरान जौं की बाली को गन्ने पर बांधकर आग में भूने जाने का विशिष्ट धार्मिक महत्व है। जिसके चलते रविवार की सुबह से नगर के बाजार में जौं की बाली और गन्ने की जमकर खरीद्दारी हुई, वहीं जौं और गन्ने लाने को लोगों का जंगल में दिनभर तांता लगा रहा।

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