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कब मनाया जाएगा ईद-उल-फितर का पर्व? और जानें इसका महत्व

By:Robin Sharma

हापुड़। मुस्लिम समुदाय के लिए ईद-उल-फितर इस्लाम धर्म का एक अहम त्योहार है। इस पर्व को देश समेत विदेश में भी बड़े ही उत्साह के साथ मनाया जाता है। यह त्योहार रमजान के पाक महीने के अंत का प्रतीक माना जाता है। रमजान महीने के दौरान मुस्लिम समाज के लोग सुबह से शाम तक उपवास (रोजा) रखते हैं, और पवित्र कुरान पढ़ते हैं, और अल्लाह से प्रार्थना करते हैं, इस्लामिक कैलेंडर में रमजान साल का नौवां महीना है, और दसवां महीना शव्वाल है, और इसी महीने के पहले दिन दुनिया भर में ईद-उल-फितर का जश्न मनाया जाता है। इस बार सऊदी अरब, अमेरिका, ब्रिटेन, कनाडा आदि देश के लोगों ने 11 मार्च से अपना रोजा रखना शुरू किया था। इस्लामिक कैलेंडर हिजरी के मुताबिक एक महीना 29 या 30 दिन का होता है।अगर इस साल का रमजान 29 दिन का हुआ तो इन देशों में 8 अप्रैल दिन सोमवार को ईद का चांद दिख सकता है।भारत में 12 मार्च 2024 से रोजा रखना शुरू किया गया था। इसलिए भारत में 9 अप्रैल को ईद-उल-फितर का चांद दिख सकता है।

भारत में कब है ईद-उल-फितर
बता दें कि ईद-उल-फितर उत्सव का वह समय है जब मुस्लिम समाज के सभी परिवार और दोस्त रमजान के आखिरी दिन के अंत में चांद को देखने के लिए अपने घरों या आंगनों या पार्कों या किसी खुले स्थान की छतों पर इकट्ठा होते हैं। अगर दक्षिण एशियाई देशों के साथ-साथ भारतीय मुसलमानों को मंगलवार यानी 09 अप्रैल को शाम के समय चांद दिखता है, तो ईद-उल-फितर अगले दिन यानी बुधवार 10 अप्रैल को मनाई जाएगी। अगर ऐसा नहीं हुआ तो भारत समेत अन्य दक्षिण एशियाई देशों में मुसलमान अगले दिन भी रोजा रखेंगे, और फिर 10 अप्रैल दिन बुधवार को इफ्तार के बाद चांद नजर आएगा और ईद गुरुवार यानी 11 अप्रैल को मनाई जाएगी।

ईद-उल-फितर पर्व का महत्व
मुस्लिम समुदाय के लोग ईद पर अल्लाह का शुक्रिया अदा करते हैं, कि उन्हें महीने भर रोजा रखने की ताकत दी। ईद के दिन सुबह लोग नमाज पढ़ते हैं, और इसके बाद ईद के पर्व की शुरुआत होती है।इस अवसर पर लोग नए कपड़े पहनते हैं। एक दूसरे से गले मिलकर बधाई देते हैं। साथ ही उपहारों का भी आदान-प्रदान होता है। इस दिन विशेषकर मीठी सेवइयां बनती है। इसके अलावा लोग अपनी श्रद्धा अनुसार कमाई का कुछ हिस्सा दान भी करते हैं, जिससे इस पर्व की महत्वता अधिक बढ़ जाती है।

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