असत्य पर सत्य और अधर्म पर धर्म की जीत का प्रतीक विजय दशमी पर्व धूमधाम मनाया
असत्य पर सत्य और अधर्म पर धर्म की जीत का प्रतीक विजय दशमी पर्व धूमधाम मनाया
हापुड़। असत्य पर सत्य और अधर्म पर धर्म की जीत का प्रतीक विजय दशमी पर्व धूमधाम के साथ वैदिक रीति रिवाज से मनाया गया। मर्यादा पुरुषोत्तम राम ने बाण चलाकर बुराई के प्रतीक लंकापति दसानन रावण को धराशाई किया। गढ़, ब्रजघाट, बक्सर, लुहारी, भद्स्याना, बहादुरगढ़ के रामलीला मंचन में मंगलवार की दोपहर बाद मर्यादा पुरुषोत्तम भगवान राम और दसानन लंकापति रावण के बीच प्रारंभ हुए युद्ध का साक्षी बनने को महिला बच्चों समेत भारी भीड़ उमड़ पड़ी। जिससे सभी मैदान पूरी तरह खचाखच भर गए।
भगवान राम का तीर नाभि में लगने पर जैसे ही लंकापति दसानन धरती पर धराशाई होकर गिरा तो तालियों की गडग़ड़ाहट के साथ ही हर तरफ जयकारे गूंज उठे। प्राण पखेरू उडऩे से पूर्व रावण ने कहा कि भगवान राम के हाथों मुक्ति का द्वार पाने को उसे सीता माता का हरण करते हुए रणभूमि में उतरना पड़ा था, जिस पर भगवान राम ने अपने अनुज लक्ष्मण को मृत शैया पर लेटे दसानन से राजकाज और धर्म नीति समेत विभिन्न पहलुओं पर आधारित शिक्षा लेने को भेज दिया। इससे पहले गढ़ में क्षेत्रीय विधायक हरेंद्र तेवतिया, पेट्रोल पंप कारोबारी सुधीर डब्बू, पूर्व अध्यक्ष पवन जैन के नेतृत्व में कमेटी अध्यक्ष कौशल पांडियान, महामंत्री रमन शर्मा, दीपांशु दीक्षित, रिंकू शुक्ला, शोभित ठाकुर, टिंकू शर्मा, अमित गुप्ता, अनुज वर्मा, ब्रजघाट में डीपी यादव, कमेटी अध्यक्ष अखिल शर्मा, सीएस यादव, राजू भैया, ओमप्रकाश पहलवान, मनोज गोयल, हेमंत गौड़, भद्स्याना में कमेटी अध्यक्ष राजवीर सिंह, बहादुरगढ़ में कमेटी अध्यक्ष चंद्रप्रकाश सैनी, बक्सर में उदित गोयल, कमेटी अध्यक्ष सुरेंद्र शर्मा, प्रधान सोनू गौड़, प्रिंस शर्मा, चंद्रपाल सिंह, लुहारी में विधायक हरेंद्र तेवतिया, कमेटी अध्यक्ष सतेंद्र चौधरी, शिक्षाविद् कवि राजकुमार हिंदुस्तानी ने राम दरबार की आरती करते हुए रावण के साथ हुए युद्ध की लीला के मंचन का शुभारंभ किया।
मेलों के मद्देनजर गढ़, ब्रजघाट और बक्सर में देर रात को पुतलों का दहन हुआ
गांव बहादुरगढ़, लुहारी और भद्स्याना में मर्यादा पुरुषोत्तम भगवान राम का किरदार निभा रहे कलाकारों ने जैसे ही जलता हुआ तीर छोड़कर रावण के पुतले को आग लगाई। तो तेज आवाज वाली रंग बिरंगी आतिशबाजी के साथ भगवान राम के जयकारों के बीच विशाल काय पुतलों का दहन किया गया। हालांकि गढ़, ब्रजघाट गंगानगरी और बक्सर में दशहरा मेला आयोजन के मद्देनजर देर रात को रावण का वध होने के बाद लीला का मंचन पूरा होने पर दसानन समेत उसके परिजनों के पुतले जलाए जाएंगे।
गढ़मुक्तेश्वर विजयी दशमी अर्थात दशहरा का पर्व वैदिक रीति रिवाज के बीच धूमधाम के साथ मनाते हुए लोगों ने कान पर नौरते धारण किए। शारदीय नवरात्र की दुर्गा नवमी मनाने के बाद मंगलवार को गढ़, ब्रजघाट, सिंभावली, बक्सर, बहादुरगढ़, डेहरा कुटी, नानपुर, झड़ीना समेत समूचे क्षेत्र में दशहरा पर्व बड़ी धूमधाम के साथ हर्षोल्लास के बीच मनाया गया। भक्तों ने गन्ना, मूली, सिंघाड़ा, शकरकंद का पूजन कर शारदीय नवरात्र के प्रथम दिन बोए गए अंकुरित जौं को नौरतों के रूप में अपने कान पर धारण किया। क्षत्रिय समाज समेत सभी वर्गों के लोगों ने इस पावन अवसर पर अपने शस्त्रों और व्यापारियों ने अपने बही खातों की पूजा अर्चना कर विश्व शांति, सांप्रदायिक सौहार्द की मजबूती, देश की खुशहाली, गंभीर बीमारी और दैवीय आपदाओं से मुक्ति की कामना भी की।
गढ़मुक्तेश्वर, दशहरा मेले में हजारों की भीड़ उमड़ी, जमकर खरीद्दारी होने से दुकानदारों ने खूब चांदी बनाई। गढ़, ब्रजघाट, बक्सर, भद्स्याना, बहादुरगढ़, लुहारी के रामलीला मैदानों में मंगलवार को दशहरा मेलों का आयोजन हुआ, जिनमें महिला-बच्चों समेत हजारों की भीड़ उमड़ पड़ी।
गढ़ के प्राचीन बारादरी मैदान में आयोजित दशहरा महोत्सव का क्षेत्रीय विधायक हरेंद्र तेवतिया, कमेटी अध्यक्ष कौशल पांडियान, महामंत्री रमन शर्मा, कोषाध्यक्ष सतीश गुप्ता, पूर्व अध्यक्ष पवन जैन ने वैदिक मंत्रोच्चारण के बीच फीता काटकर शुभारंभ किया। जहां बच्चों ने खेल खिलौने, महिलाओं ने सौंदर्य प्रसाधन सामग्री और लोगों ने घरेलू कामकाज से जुड़े सामान की जमकर खरीद्दारी की। हवाई झूलों पर सैर सपाटा करने वालों का दिनभर तांता लगा रहा। मिठाई के रूप में नान कताई, जलेबी और परंपरागत मिठाइयों की जमकर बिक्री हुई।
अशोक कुमार, मोहन सिंह, महेश चंद ने बताया कि इस बार बिक्री में बढ़ोतरी हुई है। दशहरा मेलों में झपटमारी की कोशिश कर रहे उठाईगीरे समेत आपस में गाली गलौज कर रहे युवकों को पुलिस ने दबोच लिया, जिन्हें मेले का समापन होने के बाद कड़ी चेतावनी देकर परिजनों के साथ भेज दिया गया।