नियमों को ताक पर रख सड़कों पर दौड़ रहे हैं जुगाड़ से बने वाहन
हापुड़। बाइक का पहिया, ठेले का जोड़, इंजन बाइक का, इनमें न हेड लाइट है, और न बैक लाइट। इन वाहनों को चलाने के लिए न लाइसेंस चाहिए और न ही किसी परमिट की दरकार है। जिनके हैंडल नाबालिगों के हाथों में है। और कई-कई लोग सवार होकर अफसरों की लापरवाही के कारण यह क्षेत्र की सड़कों पर आसानी से दौड़ रहे हैं, लेकिन कोई कार्रवाई करने के लिए तैयार नहीं है। क्षेत्र में ऐसे जुगाड़ का दूसरा नजारा बाइक के इंजन के पीछे लगी ट्राली का दिख जाता है। नियम-कानून को रोंद रहे इन वाहनों के खिलाफ पुलिस भी कार्रवाई नहीं करती है। ऐसे में ये जुगाड़ बाकी वाहनों के लिए भारी मुसीबत साबित हो रहे हैं। वास्तविकता यह है, कि सुविधाओं का यह जुगाड़ खतरनाक सड़क दुर्घटनाओं की बड़ी वजहों में हैं। क्षेत्र की सड़कों पर फर्राटा भर रहे इन जुगाड़ को तैयार करने में मात्र 15 से 20 हजार रुपये का खर्च आता है। नाम ना छापने की शर्त पर एक मिस्त्री ने बताया कि अधिकतर पुराने स्कूटर या बाइक के इंजन के साथ छोटे ठेले व रिक्शा को जोड़कर जुगाड़ तैयार किया जाता है। इनको बनाने में 15 से 20 हजार रूपये को लागत आती है। अधिकतर छोटे जुगाड़ पुराने स्कूटर या बाइक के इंजन से बनाए जाते हैं।
समय-समय पर अभियान चलाकर होती है कार्रवाई
ऐसे वाहनों के चलने पर प्रतिबंध है, क्योंकि इन वाहनों से दुर्घटनाओं का खतरा रहता है। समय-समय पर ऐसे वाहनों के खिलाफ अभियान चलाया जाता है जल्द ही ऐसे वाहनों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।-पुलिस क्षेत्राधिकारी वरुण मिश्रा