खाद और कीटनाशक के उपयोग पर लगेगी प्रभावी ढंग में रोक
इंसानों के साथ पशु पक्षी जीव जंतुओं में बीमारी भी रुकेंगी, लागत घटने और उत्पादन बढ़ने से आमदनी में भी होगा इजाफा, प्राकृतिक खेती को बढ़ावे से किसानों को बंधी नई आस

हापुड़। केंद्र सरकार द्वारा प्राकृतिक खेती को बढ़ावा देकर एक करोड़ किसानों को इससे जोड़ने के लिए बजट में प्रावधान किए जाने से क्षेत्रीय किसानों को भी नई उम्मीद जगी है, जिनका मानना है कि प्राकृतिक खेती को बढ़ावा मिलने से खाद और कीटनाशक के अंधाधुंध उपयोग पर रोक लगने और फल सब्जी के लिए भंडार गृह बनाए जाने से लागत में कमी आने पर आमदनी में भी काफी इजाफा होगा।
सरदार काबल सिंह का कहना है कि केंद्र सरकार ने अपने बजट में कृषि क्षेत्र को लेकर प्रतिबद्धता दोहराते हुए प्राकृतिक खेती को प्रोत्साहन देकर एक करोड़ नए किसानों को इससे जोडऩे का सराहनीय कदम उठाया है, जिससे रासायनिक खाद और कीटनाशक के अंधाधुंध इस्तेमाल में भी बड़े स्तर पर गिरावट आनी संभव हो सकेगी।
उपेश त्यागी उर्फ गोलू का कहना है कि केंद्र सरकार ने अपने बजट में प्राकृतिक खेती को खास तवज्जोह देते हुए कृषि उत्पादन को बढ़ाने के लिए जलवायु के अनुरूप उपज की किस्मों को विकसित करने का प्रावधान किया है। जिसके लिए 32 कृषि और बागवानी फसलों की 109 उच्च पैदावार वाली किस्में विकसित किए जाने से किसानों की आमदनी बढ़ेगी।
मुनीष शर्मा उर्फ भूरे का कहना है कि केंद्र सरकार द्वारा अपने बजट में प्रावधान करते हुए अगले दो वर्षों में एक करोड़ किसानों को प्राकृतिक कृषि से भी जोडऩे का लक्ष्य तय किया जाना बेहद सराहनीय कदम है। क्योंकि किसानों का चयन वैज्ञानिक संस्थानों के साथ ही इच्छुक ग्राम पंचायतों के माध्यम से किए जाने पर किसानों की आमदनी बढ़ेगी।
विद्याभूषण त्यागी का कहना है कि प्राकृतिक खेती को प्रोत्साहन दिए जाने से रासायनिक खाद और कीटनाशक का अंधाधुंध उपयोग काफी हद तक घट जाएगा, जिससे लागत कम होने पर किसानों की आमदनी में बढ़ोतरी होने के साथ ही खाद और कीटनाशक के दुष्प्रभाव से इंसानी जिंदगी के साथ ही पशु पक्षी और जीव जंतुओं को गिरफ्त में ले रहीं बीमारियों में काफी हद तक गिरावट आनी संभव हो सकेगी।