दो दिन के भीतर गंगा के जलस्तर में अस्सी सेंटीमीटर की बढ़ोतरी होने से खादर क्षेत्र में बेचैनी बढ़ी
हापुड़। पहाड़ों में साथ ही पश्चिमी उत्तर प्रदेश के मैदानी क्षेत्र में हुई झमाझम बारिश से दो दिन के भीतर जलस्तर में अस्सी सेंटीमीटर की बढ़ोतरी होने से खादर में बेचैनी बढ़ती जा रही है। जंगल से जुड़े संपर्क रास्तों के साथ ही निचले जंगल में बारिश का पानी भरने से किसानों को खेतों पर जाने के साथ ही पशुओं को चारा लाने में खूब दिक्कत झेलने को मजबूर होना पड़ रहा है। मौसम विज्ञान के दावों के बाद भी भले ही अभी तक मानसून का आगमन संभव नहीं हो पाया है, परंतु उत्तराखंड के पहाड़ों के साथ ही दिल्ली एनसीआर समेत वेस्टर्न यूपी के मैदानों में दूर दूर तक झमाझम बारिश होने से गंगा में उफान बढ़ता जा रहा है। दो दिनों के भीतर करीब अस्सी सेंटीमीटर की बढ़ोतरी होने से गंगा का जलस्तर तेजी से बढ़ रहा है। जिसको लेकर खादर क्षेत्र में गंगा नदी की तलहटी में बसे करीब दो दर्जन गांवों के हजारों परिवारों में बेचैनी गहराती जा रही है। पहाड़ों के साथ ही मैदानी इलाके में हुई झमाझम बारिश के कारण गंगा नदी के जलस्तर में इतने बड़े स्तर पर बढ़ोतरी का क्रम बादस्तूर जारी चल रहा है। निचले जंगल में बारिश का पानी भरने से पशुओं के लिए चारा लाने में किसानों को खूब दिक्कत झेलनी पड़ रही हैं, क्योंकि अधिकांश संपर्क रास्तों पर भी बड़ी मात्रा में पानी भर चुका है। किसानों को डर सता रहा है कि अगर पहाड़ों के साथ ही मैदानी क्षेत्र में अगले दो तीन दिन तक झमाझम बारिश होने का सिलसिला इसी तरह चलता रहा तो फिर दबाव बढने पर बिजनौर बैराज समेत टिहरी बांध से पानी छोडने की संभावना बढ़ जाएगी, जिससे खादर क्षेत्र में जंगल के निचले स्थानों पर बसे कई गांवों की बाहरी आबादी बहुत अधिक दिक्कत बढ़ जाएगी। खादर क्षेत्र के लोगों का कहना है कि खादर का जंगल काफी अधिक तराई वाला क्षेत्र है, जिसमें बारिश होते ही निचले स्थानों समेत संपर्क रास्तों पर पानी भरने से ग्रामीणों की दिक्कत काफी बढ़ जाती हैं। मानसून का आगमन होने पर बरसात का सिलसिला तेज होने से पहले ही प्री मानसूनी बारिश ने खादर क्षेत्र में ग्रामीणों की परेशानी को बढ़ा दिया है। गंगा में उफान बढने से हजारों बीघा निचले जंग जलभराव होने से फसलों में बड़े स्तर पर बर्बादी होने का डर भी सताने लगा है। केंद्रीय जल आयोग और बाढ़ नियंत्रण आयोग के सूत्रों के अनुसार पहाड़ों की बारिश से गंगा के जलस्तर में बढ़ोतरी होने का सिलसिला जारी चल रहा है। उत्तराखंड में पहाड़ों के साथ ही दिल्ली एनसीआर और पश्चिमी उत्तर प्रदेश के मैदानी क्षेत्र में हुई बारिश के कारण दो दिन के भीतर बड़े स्तर पर बढ़ोतरी होने से देर शाम को गढ़ ब्रजघाट गंगा का जलस्तर बढ़ गया है और बढ़ोतरी का क्रम जारी चल रहा है।