यातायात व्यवस्था ध्वस्त, चारो तरफ लगा जाम
हापुड़। दिवंगत परिजनों की आत्मा शांति को दीपदान करने आए भक्तों के साथ ही देर रात में प्रारंभ होने वाले कार्तिक पूर्णिमा के मुख्य गंगा स्नान पर्व में डुबकी लगाकर परवी लूटने वालों का सैलाब उमडऩे से सारी व्यवस्था पूरी तरह ध्वस्त हो गईं। खतरे वाले वर्जित स्थानों पर भी भीड़ ने पड़ाव डाल लिया है तो अधिक गहराई वाले स्थानों पर भी धड़ल्ले से डुबकी लग रही हैं। हर-हर गंगे के गगनभेदी जयकारों के बीच उमड़ रहे श्रद्धा के जन सैलाब के आगे महाभारत कालीन मिनी कुंभ पौराणिक गढ़ गंगा मेले की सारी व्यवस्था ध्वस्त होकर रह गई हैं। श्रद्धा का सैलाब उमडऩे से दिल्ली-लखनऊ नेशनल हाईवे, मेरठ और बुलंदशहर रोड समेत नगर से जुड़ीं सडक़ और मेले को जाने वाले सभी संपर्क मार्ग चौक होने से जाम जैसी स्थिति बनी हुई है। मेला ड्यूटी में आया पुलिस फोर्स महज मूकदर्शक बना हुआ है, जो दर्शकों की भांति खड़ा होकर श्रद्धा में उमड़ रहे जन सैलाब के मंजर को देखने के सिवा कुछ भी कर पाने में असहाय साबित हो रहा है। एक साल के भीतर दिवंगत हुए परिजन और सगे संबंधियों की आत्मा शांति और मोक्ष प्राप्ति के लिए चतुर्दशी की संध्या में दीपदान करने वाले रास्ते चौक होने पर सवारी न मिलने से पदयात्रा कर मेला स्थल पर पहुंच रहे हैं। वहीं अपने वाहनों से आने वाले यातायात नियमों को ताक पर रखकर अपनी मंजिल की तरफ बढ़ते जा रहे हैं। किसी भी अनहोनी के मद्देनजर सदर गेट के सामने गंगातट के आसपास वाले स्थान को पूरी तरह खाली रखा गया था, जहां गहरे पानी को देखते हुए टिन शेड लगाकर गंगा स्नान भी वर्जित किया हुआ है। परंतु गुरुवार की दोपहर से उमड़ रहे सैलाब ने पुलिस व्यवस्था को पूरी तरह धता बताते हुए इस आरक्षित क्षेत्र में भी अपना पड़ाव डाल लिया है। वर्जित स्थानों पर पड़ाव डाल चुके भक्तों को हटाने में ऊर्जा बर्बाद करने की बजाए पुलिस प्रशासन स्थिति को भांपकर महज औपचारिकता निभा रहा है। वीआईपी कैंपों के सामने अधिक गहरा पानी होने के बाद भी महिला बच्चों समेत भक्तों की भीड़ जान हथेली पर रखकर गंगा मैया में डुबकी लगा रही है। दीपदान करने वाले भक्तों की वापसी का क्रम भी चालू हो गया है, जबकि देर रात पूर्णिमा के मुख्य स्नान पर गंगा में डुबकी लगाकर परवी लूटने वालों की आमद तेजी से बढ़ती जा रही है। स्नानघाट और गंगा किनारे पुलिस फोर्स तैनात है, लेकिन लाखों की भीड़ के आगे नियम कानून का पालन करा पाना पूरी तरह असंभव हो रहा है। कुल मिलाकर दीपदान और मुख्य स्नान पर्व के मद्देनजर उमड़ रहे श्रद्धा के सैलाब के आगे पौराणिक मेले की व्यवस्था अब राम नाम और गंगा मैया की कृपा पर चल रही हैं। एएसपी विनीत भटनागर का कहना है कि चतुर्दशी की संध्या में लाखों श्रद्धालुओं की भीड़ उमडऩे से वाहनों का दबाव बढऩे के कारण सडक़ों पर तेज रफ्तार वाहनों की गति भी धीमा पडऩा एक सामान्य समस्या बन जाती है।