भुगतान में लेटलतीफी होने से सिंभावली चीनी मिल के क्रय केंद्र का हुआ जमकर विरोध
गढ़मुक्तेश्वर, हापुड़। गन्ना मूल्य के भुगतान में देरी होने के कारण क्षेत्र के किसान इस बार सिंभावली चीनी मिल को अपना गन्ना देने में आनाकानी कर रहे हैं, जिन्होंने विरोध में प्रदर्शन करते हुए अपने गांव में लगाए गए क्रय केंद्र को हटवाकर उसके स्थान पर चंदनपुर मिल का क्रय केंद्र लगवाए जाने की मांग की है। बहादुरगढ़ क्षेत्र के पसवाड़ा में सिंभावली चीनी मिल द्वारा प्रतिवर्ष की भांति इस बार भी किसानों का गन्ना खरीदने के उद्देश्य से अपना कांटा लगवाने की तैयारी चल रही है। परंतु इस बार क्षेत्र के किसान अपना गन्ना सिंभावली चीनी मिल को देने में अभी से आनाकानी करने लगे हैं।
दर्जनों किसान सिंभावली मिल के क्रय केंद्र पर पहुंचकर बृहस्पतिवार को विरोध में नारेबाजी और प्रदर्शन करने लगे। जिनका का कहना है कि अपने ही गन्ने का पेमेंट लेने को उन्हें एक साल से भी अधिक समय तक प्रतीक्षा करते हुए धरना प्रदर्शन आदि का सहारा लेने को मजबूर होना पड़ता है। नियमावली के तहत बकाया भुगतान पर कोई ब्याज भी नहीं मिल पाता है, जिसके कारण आर्थिक तंगी में जरूरतपूर्ति के लिए उन्हें बैंक और साहूकारों से ब्याज पर कर्ज तक लेने को मजबूर होना पड़ जाता है।
राजेंद्र कुमार, चंद्रपाल, रवि, कमल, रिंकू, देवपाल, उमेश, जागेश्वर, पवन, रमेश, रामावतार नंबरदार आदि ने कहा कि सिंभावली मिल एक साल के बाद गन्ने की कीमत अदा करती है, जिसके कारण कॉलेज की फीस समय पर अदा न होने के कारण बच्चों को अपमानित होने के साथ ही उनके नाम तक काट दिए जाते हैं। ब्याह शादी से लेकर फसलों में खाद और कीटनाशक का उपयोग करने को भी उधार के लिए हाथ फैलाना मजबूरी बन जाती है। किसानों ने चेतावनी भरे लहजे में कहा कि अगर सिंभावली चीनी मिल का क्रय केंद्र हटवाकर चंदनपुर मिल का क्रय केंद्र नहीं खुलवाया गया, तो फिर सिंभावली चीनी मिल को किसी भी दशा में अपना गन्ना नहीं देंगे। भले ही सस्ते रेट में कोल्हू क्रेशरों पर गन्ना बेच देंगे, क्योंकि वहां भुगतान तो तत्काल मिल जाता है।
क्या कहते हैं सिंभावली चीनी मिल के अधिकारी एसीजीएम दिनेश शर्मा का कहना है कि गन्ना खरीद केंद्रों का आवंटन शासन के निर्देश पर गन्ना विभाग द्वारा किया जाता है, इसलिए कुछ किसान अपनी मनमर्जी के अनुसार अपने गांवों में दूसरे शुगर मिलों के क्रय केंद्र खुलवाने की मांग कर रहे हैं। परंतु शासन द्वारा जो आवंटन किया जाएगा, सिंभावली चीनी मिल उसी के आधार पर ही अपने क्रय केंद्र लगाएगा।