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स्कूलों मे गुड मॉर्निंग की जगह जय हिन्द बोलने के लिए हरियाणा सरकार द्वारा दिए गए सुझावों का अनुसरण पूरे देश मे होना चाहिए – राष्ट्रीय सैनिक संस्था

प्रतिष्ठा मे ,

 

माननीय श्री नरेंद्र दामोदर मोदी जी

भारत के प्रधानमंत्री

 

स्कूलों मे गुड मॉर्निंग की जगह जय हिन्द बोलने के लिए हरियाणा सरकार द्वारा दिए गए सुझावों का अनुसरण पूरे देश मे होना चाहिए – राष्ट्रीय सैनिक संस्था

 

 

माननीय श्री नरेंद्र दामोदर मोदी जी, जय हिन्द एवं जय जगत

हरियाणा के स्कूलों मे गुडमॉर्निंग की जगह आपसी अभिवादन मे जय हिन्द बोलने का निर्देश हरियाणा सरकार द्वारा दिया गया | यह स्वागत योग्य है | हम , अधोहस्ताक्षरी अपनी तरफ से एवं राष्ट्रीय सैनिक संस्था के देश भर के सारे पदाधिकारी और सदस्यों की तरफ से आपसे निवेदन करते है कि ऐसा ही कार्य केन्द्रीय स्तर पर भी किया जाना चाहिए |

 

अमेरिका के मार्कट्वेन 1886 में भारत आये तो उन्होंने कहा कि भारत एक बुद्धिमान लोगों का देश है परन्तु यह कभी विश्व की महारानी नहीं बन सकती क्योंकि इसमें 80 प्रदेश हैं और 500 राजा। ऐसे ही अंग्रेज भी भारत को भौगोलिक भूखण्ड तो मानते थे परन्तु वास्तविक देश नहीं। हिटलर ने भी सुभाष चन्द्र बोस को मदद देने से यह कहकर इंकार कर दिया था कि मैं भारत की मदद इसलिए नहीं कर सकता क्योंकि उनको एक होने में 150 वर्ष लगेंगे। भारत के संविधान में भी देश को प्रथम द्रष्टया देश के बजाय गणराज्यों का समूह कहा गया है।

महाराष्ट्र बिहारियों को देखकर खुश नहीं है। लोग न CAA पर एक है न ही NRC पर | बांग्लादेश में जो हुआ , यहाँ के नेता कह रहे है की भारत मे भी ऐसा हों सकता है | क्या देश को ताड़ने की साजिश दिखाई नहीं देती ? यह देश किसी एक बिन्दु पर भी तो एक नहीं है। लोग पूछते हैं कि क्या देश का सर्वोच्च न्यायालय एक नहीं है ? हां है, परन्तु इसमें आतंकवादियों को बचाने के लिए रात मे अदालत लगती है , इसके पास आम आदमी के लिए समय नहीं है | लोग पुछते है की क्या फिल्म जगत एक नहीं है ? हां है, परन्तु आकाश में उड़ने वाला फिल्म जगत जमीनी हकीकत से वाकिफ नहीं है। लोग पूछते है की क्या क्रिकेट का खेल एक नहीं है ? हां है, परन्तु क्रिकेट तो भ्रष्टाचार का पर्यायवाची बन चुका है।

हमारे देश मे एक भी ऐसा बिन्दु नहीं है जिस पर पूरा देश एक हो | सरहद पर खड़े सिपाही की सबसे बड़ी इच्छा है की पूरा देश एक साथ उनका मनोबल बढ़ाए | लेकिन देश मे तो फौज पर ही सवाल खड़े किए जाते है | अपने ही कुछ नेता बोलते है की अरुणाचल प्रदेश के तवांग मे भारत की सेना पिट कर आ गई | आज का सिपाही 1947 का कम पढ़ा लिखा सिपाही नहीं है | उसके हाथ मे स्मार्ट मोबाइल है , वो टेलीविजन देखता है और उसमे विश्लेषण करने की क्षमता भी आ गई है | उसके दिमाग मे यदि ये आ गया की क्या मैं ऐसे नेताओ के लिए जान दूँ जो देश विरोधी है , तो क्या होगा ? आज देश मे केवल सेना ही एक ऐसी संस्था बची है जो सरहद की रक्षा भी करती है और सूखा हो , बाढ़ हो , सुनामी हो या कोई आपात स्थिति हो , सेना को बुला लिया जाता है और स्थिति नियंत्रण मे आ जाती है |

उपरोक्त को ध्यान मे रखते हुए हमारा प्रस्ताव है की हरियाणा सरकार का अनुसरण करते हुए देश के सभी स्कूलों मे गुड मॉर्निंग , नमस्ते , आदाब अर्ज , सत श्री अकाल को श्रद्धा पूर्वक अवकाश देकर आपसी अभिवादन मे , विशेषकर सार्वजनिक स्थानों पर जय हिन्द बोलना और जय हिन्द ही बुलवाने के लिए केंद्र सरकार एवं राज्य सरकारे एड्वाइजरी जारी करें | यह कार्य पहले लोक सभा और राज्य सभा से प्रारम्भ हो जहां बहस के केवल बाद मे ही नहीं बल्कि बहस शुरू करने से पहले भी जय हिन्द बोलें।

 

जब हम जय हिन्द बोलते है तो दिमाग के चारों तरफ 2 – 4 सैकैन्ड तो देश भक्ति और देश प्रेम की भावना रहती है | कल्पना कीजिए की देश के सभी स्कूलों के सारे ऊर्जावान बच्चे एक साथ मिलकर जब पूरी श्रद्धा , विश्वास और प्रेम के साथ जय हिन्द बोलेंगे तो , क्योंकि शब्द कभी ब्रह्माणड़ मे मरते नहीं है उनका चुंबकीय स्पंदन बराबर गुजायमान होता रहता है ,तो देश भक्ति का पुनर जागरण निश्चित है |

 

जय हिन्द बोलने और बुलवाने से राष्ट्रीय एकीकरण और चरित्र निर्माण स्वत ही प्रारंभ हो जाएगा

कर्नल तेजेन्द्र पाल त्यागी , वीर चक्र

राष्ट्रीय अध्यक्ष , राष्ट्रीय सैनिक संस्था

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