असली धन राम नाम का धन ही बस साथ में जाता है: पं० रामकृष्ण दास
By:Kabal Singhहापुड़, गढ़मुक्तेश्वर। भगवान श्रीकृष्ण ने दरिद्र सुदामा के साथ मित्रता निभाने का जो संदेश दिया था आज उसकी का अनुसरण करना सभी का नैतिक दायित्व बनता है। गुरु द्रोणाचार्य की तपोस्थली एवं महाभारत कालीन पुष्पावती पूठ के गंगा मंदिर में चल रही श्रीमद् भागवत कथा के सातवें दिन भगवान श्रीकृष्ण की महिमा का गुणगान हुआ। व्यास पंडित रामकृष्ण दास महाराज ने कथा करते हुए कहा कि जीवन चलाने के लिए भजन ही एक ही सार है और बाकी सब बेकार है। उन्होंने कहा कि भगवान शंकर भी पार्वती को समझाते हैं कि यह हाड़ मांस का पुतला नर भजन बिना किसका। सुदामा चरित्र का वर्णन करते हुए बताया कि सुदामा परम गरीब थे, परंतु राम नाम का धन इक्ट्ठा हुए थे। क्योंकि संसार का धन तो यहीं छूट जाता है असली धन राम नाम का धन ही बस साथ में जाता है। व्यास ने गंगा मैया की महिमा, 24 गुरु, परीक्षित मोक्ष का भी विस्तार से वर्णन किया। महिला बच्चों समेत हजारों भक्तों की भीड़ ने भगवान श्रीकृष्ण के जयकारे लगाए। इस दौरान योगाचार्य विशाल शर्मा शास्त्री, आदर्श शर्मा, गोलू शर्मा, दिनेश शर्मा, राजेंद्र शर्मा, डॉ. राजकुमार शर्मा, मूलचंद शर्मा फौजी, अलका शर्मा, राजेश्वरी सैनी, शिवकुमारी शर्मा, गुडिय़ा शर्मा, शकुंतला, बाबा नरसिंह देवानंद, सुरेश सैनी, रामवती देवी, अर्जुन सिंह, रेखा देवी मौजूद रहे।