पौराणिक खादर मेले में आने के दौरान पशुओं की दौड़ लगाने का सिलसिला जारी
पुलिस प्रशासन नहीं रोक पा रहा भैंसा दौड़
गढ़मुक्तेश्वर, हापुड़। मेले में आने के दौरान पशु दौड़ के खेल पर पूरी तरह बंदिश लगाने को एक माह से दम भरती आ रही पुलिस की जिद्दी लोग जमकर किरकिरी कर रहे हैं, क्योंकि रास्तों में रोकथाम से लेकर निगरानी को तैनात पुलिस असहाय बनकर तमाशा देखने को मजबूर हो रही है। पुलिस प्रशासन के लाख दावे और कड़े बंदोबस्त के बाद भी मेले में आने वालों ने पशुओं की दौड़ का खेल शुरु कर दिया है। रोकथाम और निगरानी के लिए रास्तों में जिम्मा संभाल रही पुलिस बेबस होकर महज तमाशा देखने को मजबूर हो रही है।
मिनी कुंभ कहलाए जाने वाले पौराणिक खादर मेले में आने के दौरान पशुओं की दौड़ लगाने का सिलसिला काफी अरसे से निरंतर चलता आ रहा है। एक दूसरे से पहले मेले में पहुंचने को लेकर होने वाली पशुओं की दौड़ पर लाखों की शर्त तक लगाई जाती हैं, जिसमें जीत हासिल करने वाले खुशी में ताबड़तोड़ फायरिंग तक कर देते हैं। इस बार पशु दौड़ की कुप्रथा को रोकने के लिए पुलिस प्रशासन ने करीब एक माह पहले ही सभी तैयारी शुरु की हुई थीं।
एसपी अभिषेक वर्मा बार बार यह दावा करते आ रहे थे कि इस बार किसी भी हालत में पशु दौड़ की कुप्रथा का खेल नहीं होने दिया जाएगा, जिसकी रोकथाम के लिए बॉर्डर वाले जनपदों में ही भैंसा दौड़ को रुकवाने के साथ ही हापुड़ में रास्तों पर बैरिकेड लगाए जाएंगे। परंतु शनिवार के बाद रविवार की रात में भी पशु दौड़ का खेल खेला गया। दावे हवा में उडने से पुलिस की खूब किरकिरी हुई है, क्योंकि जिन पुलिस कर्मियों को रास्तों में निगरानी के साथ ही पशु दौड़ रोकने के लिए मोर्चे पर तैनात किया गया है, वे भी जिद्दी लोगों के सामने बेबस असहाय होकर महज तमाशा देखने को मजबूर हो रहे हैं।
गढ़ चौपला पर पुलिस द्वारा लगाए हुए अवरोधकों को भी पशु दौड़ ने रौंद दिया। अति व्यस्तम दिल्ली लखनऊ नेशनल हाईवे और मेरठ रोड पर पशु दौड़ होने से आम जनता को असुविधा होने के साथ ही अनहोनी घटना का डर भी बना रहता है। खादर मेले में आने के दौरान जो लोग पशुओं की दौड़ करा रहे हैं, उनके आगे पीछे बाइकों पर सवार युवकों की टोली भी चल रही हैं।