टकटकी लगाकर राह तकता रहा मजदूर का परिवार, नही पहुंचा कोई भी अधिकारी-कर्मचारी सुध लेने
हापुड़। दिन भर टकटकी लगाकर राह तकने को मजबूर रहे मजदूर के परिवार की लेखपाल से लेकर कोई भी अधिकारी कर्मचारी सुध तक लेने नहीं पहुंचा। मजदूर और उसके परिवार को खुले आकाश के नीचे रात बितानी पड़ी, जबकि पड़ोसियों द्वारा दिए गए भोजन से ही भूख मिट पाई। गढ़ गंगा खादर क्षेत्र के गांव अब्दुल्लापुर में अज्ञात कारणों से लगी आग में सोमवार को मजदूर लोकेश का झोपड़ीनुमा आशियाना और उसमें रखा घरेलू उपयोग का सारा सामान जलकर राख हो गया था। जिससे लोकेश और उसकी पत्नी महेंद्री समेत दोनों बच्चों के पास पहनने और ओढऩे के लिए कपड़े, खाने को अनाज से लेकर सोने को चारपाई तक शेष नहीं बच पाई हैं।
सरकारी स्तर से मदद मिलने की आस लेकर बेसहारा मजदूर और उसके परिजन दिन भर रास्ते की तरफ टकटकी लगाए बैठे रहे, परंतु कोई अधिकारी तो दूर बल्कि हल्का लेखपाल तक भी सुध लेने नहीं पहुंच पाया। पीड़ित मजदूर और उसकी पत्नी ने रोते हुए बताया कि आग लगने से झोपड़ीनुमा मकान और उसमें रखा सारा सामान फुंकने से खुले आकाश के नीचे रात बिताने को मजबूर होना पड़ा है, परंतु सरकारी स्तर से कोई भी सुध लेने नहीं आ पाया है।
पीड़ित मजदूर ने बताया कि पड़ोसियों द्वारा दिए गए भोजन से भूख मिटी है, परंतु सरकारी स्तर से गरीब मजदूरों के लिए चल रहीं विभिन्न योजनाओं के बाद भी उसे कोई मदद नहीं मिल पाई है। वहीं पीड़ित परिवार को सरकारी स्तर से कोई मदद न मिलने पर गांव के लोगों में भी नाराजगी व्याप्त है। एसडीएम अंकित कुमार वर्मा का कहना है कि इस मामले को दिखवाने के बाद आगे की प्रक्रिया कराई जाएगी।