चीनी मिल के दिवालिया होने से मजदूरों को सता रही भविष्य की चिंता
हापुड़। कर्ज के बोझ में दबी चीनी मिल को न्यायालय द्वारा दिवालिया घोषित किए जाने से सैकड़ों मजदूरों में अपने भविष्य को लेकर चिंता की लकीर उभर आई हैं, जिन्होंने मिल के प्रशासनिक अधिकारी को मांगपत्र देकर कई अहम बिंदुओं पर जानकारी मांगी है। विभिन्न बैंक शाखाओं से जुड़े करीब पंद्रह सौ करोड़ रुपये की अदायगी न होने से सिंभावली चीनी मिल को संबंधित कोर्ट ने दिवालिया घोषित करते हुए कामकाज को सुचारू रखने के लिए आईआरपी की नियुक्ति कर दी है। इस कारण से फिलहाल प्रबंधन का दखल समाप्त होने से चीनी मिल में कामकाज करने वाले सात सौ से भी अधिक कर्मचारियों को अपने और परिवारों के भविष्य की चिंता सताने लगी है। मिल से जुड़े विभिन्न कामकाज में कार्यरत ठेकेदार भी बुरी तरह बेचैन हो रहे हैं, क्योंकि आगे की प्रक्रिया के साथ ही मिल पर बकाया चल रहे अपने करोड़ों के भुगतान को लेकर उनमें अजीब सी पशोपेश उत्पन्न हो गई है। चीनी मिल को दिवालिया घोषित किए जाने की खबर मिलते ही शुक्रवार को सिंभावली शुगर मिल्स लेबर यूनियन के कर्मचारियों के होश उड़ गए। जिन्होंने आनन फानन में संगठन के अध्यक्ष नारायण सिंह के नेतत्व में आपात बैठक का आयोजन किया। जिसमें विभिन्न पहलुओं के साथ ही अपने भविष्य को लेकर व्यापक चर्चा करने के उपरांत चीनी मिल के प्रशासनिक अधिकारी को मांग पत्र सौंपा गया। इस दौरान नारायण सिंह ने कहा कि प्रबंधन के हाथों से निकलकर अब मिल का सारा कामकाज न्यायालय द्वारा नियुक्त आईआरपी पर जाने से सैकड़ों मजदूरों के भविष्य पर सवालिया निशान लग गया है। उन्होंने कहा कि आगे चलकर मजदूरों का क्या होगा और उनके बकाया चल रहे भुगतान की किस तरह अदायगी हो पाएगी, इसको लेकर मजदूरों के जेहन में तरह तरह के सवाल चलने से अजीब सी बेचैनी बनी हुई है।