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कड़ी मेहनत मशक्कत से उगाई हुई फसलों में बर्बादी कर रहें छुट्टा पशु

By:Deepak Kumar

हापुड़। कड़ी मेहनत मशक्कत और गाढ़ी कमाई से उगाई हुई फसलों में बर्बादी करने के साथ ही छुट्टा पशु सडक़ों से लेकर आबादी के बीच दुर्घटनाओं का भी अहम कारण साबित हो रहे हैं, जिनके हमलों में किसान की जान तक जाती रहती हैं। परंतु इसके बाद भी संबंधित विभाग कड़े कदम उठाने की बजाए औपचारिकता पूरी करने में जुटे हुए हैं। देश के सबसे बड़े राज्य की पहली बार सत्ता संभालते ही योगी सरकार द्वारा 2017 में छुट्टा पशुओं की समस्या को अपनी पहली प्राथमिकता में शामिल किया गया था। जिससे किसानों को निजात दिलाने के उद्देश्य से सैकड़ों अरब रुपये खर्च करते हुए शहर कस्बों से लेकर ग्रामीण अंचल में भी संरक्षण केंद्र और गोशालाओं का बड़े स्तर पर निर्माण कराया था। दूसरी योजना में भी योगी सरकार इस समस्या की रोकथाम को लेकर पूरी तरह गंभीरता के साथ गोशाला बनवाती आ रही है। परंतु सरकारी स्तर से इतने बड़े स्तर पर जरूरी कदम उठाने के बाद भी छुट्टा। पशुओं की समस्या से निजात मिल पाना संभव नहीं हो पा रहा है। छुट्टा पशु खेतों में खड़ी फसलों की जमकर बर्बादी करने के साथ ही सडक़ों से लेकर आबादी के बीच दुर्घटना का प्रमुख कारण भी साबित हो रहे हैं। कड़ी मेहनत मशक्कत और गाढ़ी कमाई से उगाई हुई फसलों की रखवाली करने के लिए किसानों को दिन रात जंगल में पड़ाव डालकर चौकीदारी करने को मजबूर होना पड़ रहा है।

छुट्टा पशुओं के हमले में महिला समेत किसान की जान तक जा चुकी है

छुट्टा पशुओं में कई हिंसक प्रवृत्ति वाले हैं, जिनकी तापमान में हो रही बढ़ोतरी के कारण उग्रता और अधिक बढ़ती जा रही है। बहादुरगढ़ क्षेत्र के गांव लहडरा में फसल की रखवाली करने के दौरान छुट्टा पशु ने हमला कर बुजुर्ग किसान को मौत की नींद सुला दिया था। इसी गांव में खेत पर जा रही महिला को भी सांड में टक्कर मारकर परलोक भेज दिया था।

छोटी जोत वाले किसान तंगहाली के कगार पर पहुंच रहे

छुट्टा पशुओं की समस्या पर नकेल न लगने के कारण इसका सर्वाधिक खामियाजा छोटी जोत वाले गरीब किसानों को भुगतना पड़ रहा है, क्योंकि पशुओं के झुंड अगर उनके खेत में घुस जाते हैं तो सारी फसल ही चौपट होकर बर्बाद हो जाती है।

क्याकड़ी मेहनत मशक्कत और गाढ़ी कमाई से उगाई हुई फसलों में बर्बादी करने के साथ ही छुट्टा कहते हैं जिम्मेदार

चेयरमैन राकेश बजरंगी का कहना है कि छुट्टा पशुओं को पालिका स्तर से लगातार संरक्षण केंद्र और गोशालाओं में भिजवाया जा रहा है। उन्होंने बताया कि इस अभियान को तेज करने के साथ ही ग्रामीण अंचल से आने वाले छुट्टा पशुओं की रोकथाम के लिए ब्लॉक प्रशासन से भी वार्ता कर ठोस रणनीति बनवाकर उस पर अमल भी कराया जाएगा।

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