श्रीराम कथा: राम वन गमन और केवट भक्ति का हुआ वर्णन
हापुड़। श्रीराम कथा में वन गमन और केटव की परम भक्ति का वर्णन सुनकर महिला और बच्चों समेत सैकड़ों भक्तों की भीड़ भाव विहोर होकर जयकारे लगाने लगी। गढ़ क्षेत्र के गांव लोधीपुर के समाधि वाले मंदिर पर चल रही रामकथा के छठे दिन राम वन गमन और केवट की अपार भक्ति की कथा का वर्णन हुआ। व्यास महेश कृष्ण शास्त्री ने राम वन गमन एवं केवट की परम भक्ति का वर्णन करते हुए भक्तों की भीड़ को भाव विहोर कर दिया। व्यास ने कहा कि केवट ने राम, लक्ष्मण और सीता माता को सरयू नदी पार कराई थी। जिससे प्रसन्न होकर मर्यादा पुरुषोत्तम भगवान राम ने केवट को निर्मल भक्ति का वरदान देकर सरयू किनारे पूजा अर्चना भी की थी। व्यास ने कहा कि इसके उपरांत प्रभु श्रीराम प्रयागराज पहुंचे, जहां उन्होंने ऋषि भारद्वाज से भेंट की थी। एक रात उनके आश्रम में विश्राम करने के उपरांत अगले दिन प्रात: काल में वे आगे बढ़ गए और महर्षि बाल्मीकि के आश्रम में पहुंचने पर ऋषि मुनियों ने प्रभु राम की सुंदर स्तुति गाई। कथा के दौरान भजन सुनकर श्रद्धालु मंत्रमुग्ध हो गए। इस अवसर पर गौरव, मोहित, सचिन, सुबोध समेत सैकड़ों भक्त मौजूद रहे।