Blogउत्तर प्रदेशएक्सक्लूसिव खबरेंदिल्ली एनसीआरहापुड़

गंगा के जलस्तर में हो रही बढ़ोतरी से खादर क्षेत्र में हर तरफ बेचैनी का माहौल

By:Robin Sharma

हापुड़। ज्यादा गर्मी के चलते पहाड़ों पर बर्फ पिघलने से गंगा के जलस्तर में हो रही बढ़ोतरी से खादर क्षेत्र में हर तरफ बेचैनी का माहौल है। गंगा के रेतीले टापू पर उग रही मौसमी फल सब्जी की सैकड़ों बीघा खेती तहस नहस होने के साथ ही भूकटान होने से किसानों की कई बीघा कृषि भूमि गंगा की जलधारा में समा चुकी है। चिलचिलाती धूप और तपिश भरी गर्मी के इस दौर में उत्तराखंड के पहाड़ों पर जमी बर्फ तेजी के साथ पिघल रही है, जिसके कारण गंगा नदी के जलस्तर में अचानक बढ़ोतरी होने का सिलसिला जारी रहने से खादर क्षेत्र में हर तरफ बेचैनी व्याप्त हो गई है। ब्रजघाट की दूसरी साइड में गंगा के रेतीले टापू पर बने कई अस्थाई स्नान घाट जलस्तर में बढ़ोतरी होने से जलमग्न होने के कारण उनसे पूरी तरह संपर्क टूट चुका है। ब्रजघाट गंगा के पक्के घाट की कई सीडियों समेत चेंजिंग रूम में भी पानी भरा हुआ है। गंगा नदी के रेतीले टापू पर गरीब एवं छोटी जोत के किसानों द्वारा उगाई हुई मौसमी फल सब्जी वाली सैकड़ों बीघा पालेज गंगा के जलस्तर में हो रही बढ़ोतरी की भेंट चढ़ चुकी है। इसके अलावा भी गंगा नदी के जलस्तर में बेमौसम हो रही इस बढ़ोतरी से खादर क्षेत्र के किसानों पर प्रकृति का प्रकोप सा टूट रहा है। क्योंकि गंगा के जल्सतर में बढ़ोतरी होने से गंगा नदी अपने किनारे वाले जंगल में बड़े स्तर पर भूकटान कर रही है, जिसके कारण किसानों की कई बीघा कृषि भूमि समेत उसमें खड़ी फसल भी जलधारा में समा चुकी हैं। भारतीय किसान संघ के जिलाध्यक्ष प्रधान सुशील राणा और प्रधान निरंजन सिंह का कहना है कि भीषण गर्मी में पहाड़ों पर बर्फ पिघलने के कारण गंगा नदी के जलस्तर में अचानक बढ़ोतरी होने से गढ़ खादर क्षेत्र के किसानों पर बरसात शुरू होने से पहले ही आफत टूट चुकी है। जलस्तर में अचानक बढ़ोतरी होने के कारण भूकटान होने से किसानों की हजारों बीघा कृषि भूमि और उसमें खड़ी फसल भी गंगा मैं समा गई है।

Related Articles

Back to top button