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15 अक्टूबर से हो रही नवरात्रि की शुरुआत

By:Robin Sharma

हापुड़। नवरात्रि की शुरुआत 15 अक्टूबर से हो रही है। जो 23 अक्टूबर तक रहेगी, इसके अगले दिन यानी की 24 अक्टूबर को विजयदशमी का पावन पर्व मनाया जाएगा। हिंदू धर्म में विजयदशमी का पर्व बड़ी ही धूमधाम के साथ मनाया जाता है। इस दिन भगवान श्री राम ने लंका पति रावण का वध किया था। और इस दिन को अधर्म पर धर्म की विजय के रूप में मनाया जाता है। कहते हैं इस दिन मां दुर्गा ने महिषासुर का भी वध किया था। इसलिए विजयदशमी त्योहार के कई बड़े मायने होते हैं। इस दिन आपको कैसे पूजा पाठ करनी चाहिए और इस साल विजयदशमी पर क्या शुभ संयोग बन रहे हैं आइए हम आपको बताते हैं।-

विजयदशमी 2023, तिथि और शुभ मुहूर्त विजयदशमी का त्योहार अश्विन माह के कृष्ण पक्ष की दशमी के दिन मनाया जाता है। इस साल ये दिन 24 अक्टूबर को मनाया जाएगा। हालांकि, विजयदशमी की शुरुआत 23 अक्टूबर को शाम 5:44 पर शुरू हो जाएगी, जो कि 24 अक्टूबर शाम तक रहेगी। ऐसे में इस बार विजयदशमी पर दो शुभ संयोग बना रहे हैं, इन शुभ संयोग में पूजा पाठ या कोई भी नया काम शुरू करना सबसे लाभकारी माना जाता है।

रवि योग विजयदशमी पर 24 अक्टूबर को सुबह 6:27 से दोपहर 3:38 तक और शाम को 6:38 से अगले दिन सुबह 6:28 तक रवि योग बन रहा है। कहते हैं रवि योग में किए गए कामों का शुभ फल मिलता है। इस योग में गृह प्रवेश, नौकरी और यात्रा जैसे शुभ कार्य किया जा सकता है।

वृद्धि योग विजयदशमी के दिन वृद्धि योग भी बन रहा है।जो कि 24 अक्टूबर को दोपहर 3:40 से शुरू होगा और रात तक रहेगा। कहा जाता है कि वृद्धि योग में पूजा पाठ और धर्म-कर्म करने से जातकों को उसका दोगुना फल मिलता है। और उनकी सभी मनोकामना भी पूरी होती है।

ऐसे करें विजयदशमी की पूजा
विजयदशमी की पूजा करने के लिए घर के ईशान कोण में आठ कमल की पंखुड़ियां से अष्टदल चक्र बनाया जाता है, इसके बाद अष्टदल के बीच में अपराजिता नमः मंत्र का जाप करना चाहिए। मां दुर्गा के साथ ही भगवान श्री राम की पूजा करनी चाहिए, इतना ही नहीं विजयदशमी के दिन बहीखाते और शास्त्रों की पूजा भी की जाती है। इन्हें पूजा स्थल पर रखकर रोली, अक्षत इन्हें अर्पित करें और पूजा में शमी की पत्तियों को जरूर अर्पित करें।

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