शांतिपूर्ण माहौल में अदा हुई रमजान के तीसरे जुम्मे की नमाज, संदिग्ध लोगों पर रही पुलिस की पैनी निगाह
हापुड़। पवित्र रमजान महीने के तीसरे जुम्मे की नमाज नगर के साथ-साथ क्षेत्र के गाँवों में लाखों मुस्लमानों ने विभिन्न मस्जिदों में अदा की। दरअसल बांदा जेल में बंद माफिया मुख्तार अंसारी की बृहस्पतिवार देर रात मौत हो गई थी, डीजीपी मुख्यालय ने सतर्कता बरतने के निर्देश दिए थे। सुरक्षा की दृष्टि से पुलिस अलर्ट रही। जुमे की नमाज शांतिपूर्ण माहौल में संपन्न कराने के लिए पूरे जनपद में पुलिस सतर्क रही। नगर क्षेत्र में भारी पुलिस बल के साथ एएसपी राजकुमार अग्रवाल और थाना नगर कोतवाली निरीक्षक नीरज कुमार ने पैदल फ्लैग मार्च किया। मुस्लिम और मिश्रित आबादी वाले क्षेत्र में पुलिस ने सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किए थे। संदिग्ध लोगों और वाहनों पर पुलिस की पैनी निगाह रही। सोशल मीडिया पर भी पुलिस की पैनी नजर रही।
इस मौके पर मौलाना ने कहा कि रोजा इंसान को बुराइयों से रोक कर अच्छाई की तरफ ले जाता है उन्होनें बताया कि हजरत मुहम्मद सल्ललाहु अलैहीवसल्लम का फरमान है, कि रोजा इंसान के लिए बुराइयों से ढाल है। उन्होंने कहा कि रोजा रखने का मतलब सिर्फ भूखे प्यासे रहना नहीं है। रोजेदार पर लाकामी है कि वो अपनी आंखों, अपनी जुबान और कानों का भी रोजा रखे और किसी की तरफ गलत निगाह ना डाले और अपनी जुबान से लोगों को तकलीफ ना पहुंचाएं। उन्होंने कहा कि रोजेदारों को चाहिए कि वह अपने पड़ोसियों, रिश्तेदारों में उन लोगों का भी ख्याल रखे जो कि गरीबी की वजह से रमजान में परेशान नजर आते है। उन्होनें कहा कि गरीब की मदद करना हम पर लाजिम है और रोजा खास अल्लाह के लिए रखा जाता है और इसका बदला इंसान को अल्लाह ही देगा, जिसका अंदाजा भी इंसान नहीं लगा सकता। उन्होनें कहा कि अल्लाह ताआला को रोजेदार के मुंह की बू बहिशत (जन्नत) की खुशबू से ज्यादा पसंद है। उन्होने कहा कि रोजेदार को चाहिए कि वह रमजान में नेकी करने की आदत डाले ताकि रमजान के बाद वह नेकी करता रहे। उन्होनें कहा कि अगर हमारा रोजा हमें झूठ बोलने, बुरी निगाह से ताकने, गंदी बातें करने, हराम कमाने, शराब पीने से नहीं रोकता तो इस बात को अच्छी तरह से समझ लेना चाहिए कि वह इंसान रोजेदार नहीं है। उन्होनें कहा कि रमजान के तीस दिन हमें तमाम बुराइयों को छोड़ कर खुदा के हुक्म के मुताबिक जीवन व्यतीत करना चाहिए। वर्णनयोग है कि आज पवित्र रमजान के पहले जुम्मे की नमाज के मौके पर लाखों मुस्लमान मस्जिदों में इक्ट्ठे हुए जहां पर नमाज के बाद विश्व शांति की दुआ भी करवाई गई।