आसिफ हत्याकांड का मुख्य हत्यारोपी गिरफ्तार
इससे पहले उसका भाई आदिल भी जा चुका है जेल, पूर्व चेयरमैन समेत तीन भाई अभी चल रहे हैं फरार, पगार मांगने पर दबंगों ने कर दी थी पीट पीटकर हत्या, मुकदमे को कर दिया गया हत्या की धारा में तरमीम
हापुड़, गढ़मुक्तेश्वर। आसिफ हत्याकांड के मुख्य आरोपी को गिरफ्तार कर पुलिस ने जेल भेज दिया, परंतु उसके तीन नामजद भाइयों के पकड़ में न आने से लोगों में गम और गुस्से का माहौल बना हुआ है। जो पुलिस की ढीली कार्यप्रणाली को लेकर खुलेआम नाराजगी जता रहे हैं। सिंभावली के बाजार में स्थित एक शोरूम में कामकाज करते हुए कारपेंटर आसिफ पर शुक्रवार की रात को गांव फुलड़ी से जुड़े एक दबंग परिवार के लोगों ने जानलेवा हमला कर दिया था। जिसमें गंभीर रूप से घायल हुए आसिफ को पहले हापुड़ और फिर मेरठ के बाद दिल्ली को रेफर कर दिया गया था। जिसकी अगले ही दिन दिल्ली के सफदरजंग अस्पताल में शनिवार की देर रात को मौत हो गई थी। घटना से गुस्साई हजारों की भीड़ ने रविवार की शाम को शव थाने के सामने रखकर कई घंटों तक पुराने दिल्ली लखनऊ नेशनल हाईवे की एक साइड को जाम कर दिया था। पुलिस के सभी प्रयास विफल होने के बाद एसडीएम साक्षी शर्मा के आश्वासन पर गुस्सा शांत होने के बाद जाम खोलकर भीड़ शव को लेकर लौट गई थी। जिसके उपरांत बेहद गमगीन माहौल में कारपेंटर का शव सुपुर्दे खाक किया गया था। सिंभावली पुलिस ने सोमवार को दबिश देकर बक्सर नहर रेगुलेटर के पास से मुख्य हत्यारोपी शाहनवाज को गिरफ्तार करते हुए न्यायिक अभिरक्षा में जेल भेज दिया है। इससे पहले उसके भाई आदिल को भी पुलिस रविवार को ही जेल भेज चुकी थी। परंतु साधन सहकारी समिति के पूर्व चेयरमैन तसव्वर और परवेज समेत तीन नामजद भाई अभी तक पुलिस की पकड़ में आने की बजाए फरार चल रहे हैं। अपने काम की पगार मांगने पर दबंगों द्वारा कारपेंटर आसिफ को पीट पीटकर मौत के घाट उतारे जाने की दुस्साहसिक घटना से सिंभावली बक्सर समेत क्षेत्रीय लोगों में गम और गुस्से का माहौल व्याप्त है। अफजाल, आरिफ, ताहिर, सुहेल, महताब, विनोद, प्रदीप, राजीव, अनिल, वीरसिंह, पीतम, सुमित का कहना है कि कारपेंटर आसिफ की जघन्य ढंग में हत्या होने के बाद भी सिंभावली पुलिस का ढिलाई वाला रवैया दूर नहीं हो पा रहा है। जिसके चलते तीन नामजद कातिल अभी तक फरार चलते हुए गवाहों पर दबाव तक बना रहे हैं। सीओ आशुतोष शिवम का कहना है कि शे। बचे तीनों हत्यारोपियों को जल्द से जल्द गिरफ्तार करने के उद्देश्य से पुलिस टीमों का गठन किया हुआ है, जो संभावित स्थानों पर दबिश देने में जुटी हुई हैं।