प्लेटलेट्स कम होने का मतलब सिर्फ डेंगू नहीं- डॉ दिनेश कुमार भारती
हापुड़। इन दिनों मौसम में बदलाव आने के साथ में वायरल फीवर के मरीज बढ़ गए हैं। स्वास्थ्य विभाग ने कहा है, कि जब भी कोई लैब या निजी अस्पताल डेंगू की पुष्टि करके उसका इलाज शुरू करे तो उससे पहले जांच करवाने के लिए एक बार सिविल अस्पताल में आकर अपने खून के सैंपल जरूर दें। इससे सच्चाई का पता लगाया जा सके।
अपर मुख्य चिकित्सक अधिकारी डॉ दिनेश कुमार भारती ने बताया कि प्लेटलेट्स कम होने का कारण सिर्फ डेंगू ही नहीं है। सामान्य बुखार, टाइफाइड तथा मलेरिया होने पर भी प्लेटलेट्स घट सकते हैं, और इन दोनों वायरल बुखार का प्रकोप बढ़ रहा है। सरकारी अस्पतालों में रोजाना सैकड़ो मरीज वायरल बुखार के आ रहे हैं, और डेंगू संदिग्ध मरीजों की जांच की व्यवस्था भी की हुई है, सभी निजी अस्पतालों को कहा गया है कि मलेरिया तथा डेंगू संदिग्ध मरीज के रक्त के नमूने की जांच सरकारी प्रयोगशाला में कराए।
पैसे कमाने के चक्कर में निजी अस्पताल डेंगू का डर न फैलाएं
डॉ. दिनेश कुमार भारती ने चेतावनी भरे लहजे में कहा है, कि निजी अस्पताल संचालक चंद पैसे कमाने के चक्कर में मरीजों को डेंगू बताकर पैसे ऐंठने का काम ना करें, और बेवजह लोगों में डर ना फैलाएं। उन्होंने कहा कि अगर कोई ऐसा करता है, तो उस पर विभाग द्वारा कड़ी से कड़ी कार्रवाई की जाएगी। उनका कहना है कि डेंगू या अन्य किसी बीमारी के मामले में घबराने की जरूरत नहीं है, सिर्फ जागरूक होकर इलाज करने की जरूरत है।
प्रोटीन युक्त खाना, संतरा व नींबू खाएं
जब शरीर की रोग-प्रतिरोधक क्षमता कम हो जाती है,तब वायरल बुखार होता है। अगर सेहतमंद और प्रोटीन युक्त खाना खाया जाए तो शरीर में रोग-प्रतिरोधक क्षमता खुद बढ़ जाती है। सादा व ताजा खाना ही खाएं। क्योंकि हैवी फूड आसानी से पच नहीं सकता है। रखे हुए खाने को गर्म करके ही खाएं। क्योंकि इससे सभी बैक्टीरिया समाप्त हो जाते हैं। मौसमी संतरा व नींबू खाएं जिसमें विटामिन-सी और वीटा कैरोटींस होता है जिससे रोग-प्रतिरोधक क्षमता बढ़ती है, खूब पानी पिएं। तुलसी के पत्ते में खांसी, जुकाम, बुखार और सांस संबंधी रोगों से लडने की शक्ति है और नाक और गले के इंफेक्शन से बचाव होता है।