ज्येष्ठ गंगा दशहरा का महत्व जानिए! शुभ मुहूर्त और पूजा-विधि
हापुड़। हिंदू पंचांग के अनुसार, हर साल वैशाख मास के शुक्ल पक्ष की दशमी तिथि के दिन गंगा दशहरा मनाने की परंपरा है, इस दिन मां गंगा की पूजा-अर्चना करने का विधान है, धार्मिक मान्यता के अनुसार, इस दिन ही मां गंगा धरती पर प्रकट हुई थीं, ऐसी मान्यता है कि गंगा दशहरा के दिन पवित्र गंगा नदी में स्नान करने से व्यक्ति के सभी पाप दूर हो जाते हैं और साथ ही जीवन में सुख-समृद्धि का आगमन होता है।
शुभ मुहूर्त और पूजा-विधि क्या है
वैदिक पंचांग के मुताबिक, वैशाख मास के शुक्ल पक्ष की दशमी तिथि 16 जून रात्रि 2:32 पर शुरू होगी और इस तिथि का समापन 17 जून सुबह 4:45 पर होगा, ऐसे में उदया तिथि के अनुसार, गंगा दशहरा पर इस साल 16 जून 2024, रविवार के दिन मनाया जाएगा।
पंचांग के अनुसार, गंगा दशहरा के दिन हस्त नक्षत्र बन रहा है जो कि 16 जून सुबह 11:13 तक रहेगा, इसके साथ पवित्र स्नान के लिए ब्रह्म मुहूर्त का समय सबसे उत्तम माना जाता है, इस दिन ब्रह्म मुहूर्त सुबह 4:03 से सुबह 4:45 के बीच रहेगा,साथ ही, इस दिन रवि योग, सर्वार्थ सिद्धि योग और अमृत सिद्धि योग भी बन रहा है, जिन्हें पूजा-पाठ, स्नान-दान के लिए सबसे शुभ समय माना जाता है।
गंगा दशहरा पूजा विधि
गंगा दशहरा के दिन सुबह जल्दी उठकर किसी पवित्र नदी में स्नान-ध्यान करें,अगर नदी में स्नान करना संभव न हो तो घर पर ही नहाने के पानी में गंगाजल मिलाकर स्नान करें, इसके बाद सूर्यदेव को जल चढ़ाएं और साफ कपड़े पहनकर मां गंगा एवं भगवान शिव की विधि-विधान से उपासना करें, इसके बाद पूजा के दौरान गंगा स्तोत्र का पाठ करें और अंत में मां गंगा की आरती से पूजा संपन्न करें।
गंगा दशहरा महत्व
गंगा दशहरा के दिन गंगा मय्या की पूजा की जाती है,साथ ही इस दिन भक्त गंगा नदी में आस्था की डुबकी लगाते हैं, धार्मिक मानयता के अनुसार, ज्येष्ठ माह के शुक्ल पक्ष की दशमी पर मां गंगा हस्त नक्षत्र, व्यतीपात योग, आनंद योग, गर करण में ही भगवान शिव की जटाओं से पृथ्वी पर प्रकट हुई थीं, इसलिए हस्त नक्षत्र में पूजा-पाठ और मांगलिक कार्य सफल माने जाते हैं। ऐसा कहा जाता है कि गंगा दशहरा के दिन गंगा नदी में स्नान करने से जाने-अनजाने में किए गए पापों से भी छुटकारा मिलता है, गंगा दशहरा के दिन मोक्षदायिनी गंगा माता की पूजा करने से, पितरों का तर्पण करने से पुत्र और मनोवांछित फल प्राप्त होता है, ऐसा माना गया है कि इस शुभ दिन पर जल, अन्न, श्रृंगार का सामान, शक्कर, वस्त्र, फल, स्वर्ण का दान करना बेहद शुभ होता है।