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तंबुओं की महानगरी में परिवर्तित हुए खादर मेले में चौतरफा रंगत बढी

By:Robin Sharma

गढ़मुक्तेश्वर, हापुड़। तंबुओं की महानगरी में परिवर्तित हुए खादर मेले में हर तरफ रंगत बढने के साथ ही श्रद्धालुओं का आगमन जोरों पर चलने से सभी रास्तों पर वाहनों का तांता लगा हुआ है। द्वापर युग से जुड़े महाभारत कालीन पौराणिक खादर मेला अब अपने अंतिम पड़ाव की तरफ बढ़ता जा रहा, क्योंकि दीपदान के पश्चात सोमवार को पूर्णिमा के मुख्य स्नान में डुबकी लगाकर अधिकांश श्रद्धालु अपने गंतव्य स्थलों को वापस लौट जाएंगे। जिसमें महज एक दिन का समय शेष बचने से हर घंटे महिला बच्चों समेत हजारों की भीड़ मेले में पहुंचकर रेतीले मैदान में तंबू गाढ़कर पड़ाव डालने में जुटी हुई है।

दीपदान के बाद मुख्य स्नान पर्व में भाग लेने को नगर समेत आसपास के गांवों से जुड़े संपर्क मार्गों पर मेले को जा रहे श्रद्धालुओं से भरे वाहनों की संख्या में तेजी के साथ बढ़ोतरी हो गई है। हर तरफ से उमड़ रहे श्रद्धा के सैलाब और रंग-बिरंगी बल्बों की रोशनी से पौराणिक खादर मेला पूरी तरह गुलजार हो उठा है। गंगा में डुबकी के बाद कोई टापू पर मौज मस्ती कर रहा है तो कहीं सपेरे द्वारा बजाई जा रही बीन का आनंद लिया जा रहा है। महिला नाचते गाते हुए गंगा मैया का पूजन कर रही हैं।

मीना और सदर बाजार समेत मेरठ, हापुड़, दिल्ली, बुलंदशहर सेक्टर और पशु मेले में लगीं दुकानों पर साज सज्जा समेत घरेलू उपयोग के सामान की खरीदारी करने वाली महिलाओं का तांता लगा हुआ है। भले ही इस बारे मनोरंजन वाले साधन न लगने से बच्चों समेत युवा वर्ग को निराशा तो हो रही है, परंतु इसके बाद भी इस पौराणिक मेले में पड़ाव डालने वाले भक्ति में मस्ती के अनूठे संगम में जमकर मौज मस्ती भी कर रहे हैं। जिला पंचायत विभाग के आंकड़ों के अनुसार शनिवार की देर शाम तक पौराणिक खादर मेले में बाइस लाख और ब्रजघाट शहरी मेले में साढ़े तीन लाख से भी अधिक श्रद्धालुओं की भीड़ पड़ाव डाल चुकी है।

मेलाधिकारी अंकित कुमार वर्मा, मनोज कुमार और मेला सीओ आशुतोष शिवम का कहना है कि कार्तिक पूर्णिमा के मुख्य स्नान पर्व का समय नजदीक आते ही गंगा भक्तों की भीड़ में काफी बढ़ोतरी हो गई है, जिसके मद्देनजर सुरक्षा समेत सभी व्यवस्था पूरी तरह चाक चौबंद की हुई हैं।

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