जन चौपाल में किसानों ने गांव में चकबंदी कराए जाने के प्रस्ताव को सिरे से खारिज किया
विभागीय स्तर से गांव में लगाई गई थी चौपाल
हापुड़। जन चौपाल में किसानों ने गांव में चकबंदी कराए जाने के प्रस्ताव को सिरे से खारिज करते हुए साफ इंकार कर दिया। सिंभावली क्षेत्र के गांव मुजफ्फरा बागड़पुर के प्राइमरी स्कूल में शुक्रवार को चकबंदी विभाग द्वारा जन चौपाल का आयोजन किया गया। जिसमें जंगल की चकबंदी कराकर किसानों के बिखरे हुए खेतों को एक चक के रूप में आवंटित कराए जाने से आवागमन की दिक्कत और परिश्रम में काफी गिरावट आने का हवाला दिया गया। परंतु किसानों ने एक मत होकर अपने जंगल की चकबंदी कराए जाने से साफ तौर पर इंकार कर दिया। किसानों ने कहा कि वे लगातार कई बार स्पष्ट कर चुके हैं कि हमें चकबंदी नहीं करानी है, परंतु इसके बाद भी विभागीय अधिकारी निरंतर दबाव बनाकर तंग और परेशान करने से बाज आने को तैयार नहीं हैं। एएसओसी सुनील नौटियाल, अनुरोध यादव, अवनी शर्मा ने किसानों से संवाद करते हुए उन्हें समझाकर चकबंदी के लिए राजी करने का भरसक प्रयास किया, परंतु किसान चकबंदी न कराने की अपनी जिद पर अड़े रहे। पंडित विजेंद्र शर्मा, सतीश शर्मा, मनोहर लाल शर्मा, दिनेश शर्मा, कैलाश सेठ, वेद प्रकाश, मांगे, आनंद शर्मा, महेश शर्मा, शिवकुमार शर्मा ने बताया कि चकबंदी प्रक्रिया के दौरान पैसे वाले किसान अपनी मनमर्जी वाले स्थानों पर चक कटवा लेते हैं, जिससे गरीब किसानों को अपनी पुश्तैनी भूमि से बेदखल होना पड़ता है। इसलिए किसी भी कीमत पर गांव के जंगल में चकबंदी नहीं होने देंगे, भले ही विरोध में कितना ही बड़ा आंदोलन क्यों न करना पड़े।