अगर आप पुलिस के दस्तावेजों में उपद्रवी हैं, तो लोकसभा चुनाव के दौरान जरा संभलकर रहिएगा

By:Robin Sharma हापुड़। अगर आप पुलिस के दस्तावेजों में उपद्रवी हैं, तो लोकसभा चुनाव के दौरान जरा संभलकर रहिएगा। क्योंकि, तहसील क्षेत्र सिंभावली, बहादुरगढ़, गढ़मुक्तेश्वर में कई हजार उपद्रवियों को चिह्नित कर पुलिस उनपर पैनी नजर जमाए हुए हैं। चुनाव में किसी प्रकार का माहौल खराब न हो इसके मद्देनजर इस वर्ष में अब तक पुलिस ने तीनों थाना क्षेत्र के करीब 1500 लोगों के खिलाफ मुचलका पाबंद, दर्जनों अपराधियों की हिस्ट्रीशीट ओर दो दर्जन से अधिक अपराधियों को जिलाबदर किया गया है। वहीं, कई अपराधियों पर गैंगस्टर व कई के खिलाफ गुंडा अधिनियम की कार्रवाई की गई है। लोकसभा चुनाव को सकुशल संपन्न कराने के लिए चुनाव तक कई हजार लोगों के खिलाफ मुचलका पाबंद की कार्रवाई की जानी तय है । भूमि विवाद, रंजिश के विवाद, खूनी संघर्ष व चुनाव के दौरान हुई घटनाओं सहित अन्य विवाद में शामिल लोगों के खिलाफ यह कार्रवाई की जा रही है। ताकि, चुनाव के दौरान कोई विवाद या विपरीत स्थिति उत्पन्न न हो सके।
पुलिस लक्ष्य के सापेक्ष अब तक तहसील क्षेत्र के तीनों थाना क्षेत्र में पुलिस 1107 वाद में 1500 लोगों के खिलाफ मुचलका पाबंद की कार्रवाई कर चुकी है। सीओ आशुतोष शिवम ने बताया कि आपराधिक किस्म के लोगों पर कार्रवाई करने के लिए सभी थाना प्रभारी निरीक्षक को कड़े आदेश दिए गए हैं। ताकि, चुनाव के समय कोई भी समस्या उत्पन्न न हो सके। चुनाव निष्पक्ष व शांतिपूर्ण ढंग से संपन्न कराने के लिए पुलिस की कार्रवाई अभी जारी है। मतदाता ही लोकतंत्र के प्राण तत्व हैं। इनके ही दम से सरकारें आती और जाती हैं। कोई भी चुनाव हो उसे उत्सव के रूप में देखा जाता है। चुनावी उत्सव के मतदाता ही अभिन्न अंग होते हैं। वोट के लिए दिग्गज राजनेता मतदाताओं के चरण-वंदन करते दिखते हैं।
क्या है धारा 107/16
धारा 107/16 के तहत शांतिभंग की आशंका में लोगों को पाबंद किए जाने का प्रावधान है। पुलिस अपराधों पर नियंत्रण के लिए इसकी कार्रवाई करती है। धारा 107/16 के तहत पुलिस की रिपोर्ट के तहत मजिस्ट्रेट संबंधित व्यक्ति को नोटिस जारी करता है। इसके बाद उस व्यक्ति को अदालत में हाजिर होकर मुचलका भरना पड़ता है। पाबंद की अवधि छह महीने तक की होती है। इसे सालभर तक के लिए बढ़ाया जा सकता है।
यह कहती है धारा 116 (3)
दंड प्रक्रिया संहिता की धारा 110 जी के अंतर्गत चोर, लुटेरे व चोरी आदि के कार्यों में अभ्यस्त व्यक्ति पर पाबंद की कार्रवाई की जाती है। पाबंदी की प्रक्रिया धारा 107/16 की तरह ही की जाती है। उधर, 116 (3) के तहत अदालत द्वारा संबंधित व्यक्ति को नोटिस दे दी जाती है और उसके खिलाफ जांच कराई जाती है।