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येलो अलर्ट को पार कर खतरे के निशान की तरफ बढ़ी गंगा, राहत चौकियों को किया अलर्ट

By:Robin Sharma

हापुड़, गढ़मुक्तेश्वर। यलो अलर्ट को पार करने के बाद भी उफान न थमने से गंगा नदी की जलधारा एक बार फिर से खतरे के निशान की तरफ बढऩे से खादर क्षेत्र में खलबली के साथ ही बाढ़ आने को लेकर अजीब सी दहशत बनी हुई है। गंगा नदी ने महज तीन सप्ताह के भीतर शनिवार को एक बार फिर समुद्रतल से 198.37 मीटर वाले यलो अलर्ट के निशान को लांघ दिया है। शुक्रवार की देर शाम से लेकर शनिवार की देर शाम तक जलस्तर में बढ़ोतरी होने का क्रम जारी रहने से गंगा का उफान लगातार बढ़ता जा रहा है। जिससे खादर क्षेत्र में रहने वाले हजारों परिवारों में बाढ़ आने को लेकर अजीब सी दहशत व्याप्त होने के साथ ही उन्हें दिक्कतों का सामना करने को भी मजबूर होना पड़ रहा है। निचले स्थानों से जुड़े सैकड़ों बीघा जंगल में गंगा के उफान का पानी भरने से फसलों में एक बार फिर से बर्बादी का सिलसिला शुरू हो गया है। संपर्क रास्तों में भी बारिश का पानी भरने से ग्रामीणों को आवागमन में खूब दिक्कत झेलनी पड़ रही हैं। उत्तराखंड के पहाड़ों के साथ ही पश्चिमी यूपी में दूर दूर तक झमाझम बारिश होने से गंगा में बड़ी तेजी से उफान बढ़ता जा रहा है, जिसके कारण हजारों ग्रामीण अपने परिवार और पशुओं समेत भारी भरकम सामान लेकर बेचैन हो रहे हैं। पहाड़ों से जुड़े बांधों में पानी की मात्रा बढऩे के कारण बिजनौर बैराज से पानी छोडऩे का क्रम भी लगातार जारी चल रहा है। भारतीय किसान संघ के जिलाध्यक्ष इंद्रजीत सोलंकी, सरदार काबल सिंह, सरजीत सिंह, गुरप्रीत सिंह, लखबीर सिंह का कहना है कि निचले स्थान वाले हजारों बीघा जंगल में गंगा के उफान का पानी पहले ही भरा हुआ था। अब गंगा में उफान बढऩे पर एक बार फिर से पानी भर गया है। जिससे फसलों में बर्बादी के साथ ही पशुओं के चारे का संकट इस कदर बढ़ गया है कि पशु पालकों को बीस से पच्चीस किलोमीटर की दूरी तय करते हुए बांगर क्षेत्र के जंगल में चारा और घास लाने को मजबूर होना पड़ रहा है।

राहत चौकियों को किया अलर्ट

तहसील प्रशासन ने गंगा नदी के जलस्तर में हो रही बढ़ोतरी को देखते हुए एक बार फिर से राहत चौकियों को पूरी तरह सतर्क रहने का निर्देश जारी कर दिया है। एसडीएम साक्षी शर्मा ने बताया कि आलमपुर, भगवंतपुर, अब्दुल्लापुर, नक्का कुआं, मीरा रेती और ब्रजघाट में राहत चौकियों को पूरी तरह सतर्क रहने का निर्देश दिया हुआ है। हल्का लेखपाल और तहसील स्तरीय कर्मचारियों को गांवों में भेजकर ग्रामीणों को जलभराव वाले जंगल में न आने जाने के साथ ही जर्जर और खस्ताहाल घरों में न रहने की नसीहत भी दिलाई जा रही है। जलभराव के कारण फैलने वाली बीमारियों के मद्देजनर प्रभावित गांवों में स्वास्थ्य विभाग से कैंप लगवाकर मरीजों का परीक्षण और जरूरी दवाओं का वितरण करने का निर्देश दिया गया है।

जल शक्ति विभाग के गेज अधिकारी आबाद आलम का कहना है कि पहाड़ों के साथ ही मैदानी क्षेत्र में झमाझम बारिश होने से गंगा नदी के जलस्तर में बढ़ोतरी होने का सिलसिला लगातार जारी चल रहा है। शुक्रवार की शाम से लेकर शनिवार की देर शाम तक तीस सेंटीमीटर जलस्तर बढऩे से गंगा की जलधारा नें 198.37 मीटर वाला यलो अलर्ट का निशान पार कर लिया है। देर शाम को जलस्तर समुद्रतल से 198.60 मीटर के निशान तक पहुंच गया है, जिससे गंगा नदी की जलधारा अब बड़ी तेजी के 198.77 मीटर वाले खतरे के निशान की तरफ बढ़ रही है।

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