फाल्गुन अमावस्या पर उमड़ा श्रद्धा का सैलाब
तीन लाख से अधिक ने लगाई गंगा में डुबकी, सर्वाधिक संख्या जलाभिषेक करने वाले शिवभक्तों की रही
By:Kabal Singh हापुड़, गढ़मुक्तेश्वर। फाल्गुन अमावस्या पर भगवान भोले का जलाभिषेक करने वाले शिवभक्तों समेत विभिन्न प्रांतों से आए तीन लाख से भी अधिक भक्तों ने मोक्ष दायिनी गंगा में आस्था की डुबकी लगाकर पुण्यार्जित किया। फाल्गुन अमावस्या के उपलक्ष्य में दिल्ली, हरियाणा, राजस्थान समेत पश्चिमी उत्तर प्रदेश के दर्जनों जनपदों से जुड़े भक्तों का आगमन शनिवार की दोपहर को ही प्रारंभ हो गया था, जिसके चलते दिन ढलते ही तीर्थनगरी में चौतरफा चहल पहल और बाजारों में अजीब सी रंगत बढ़ गई थी। सैकड़ों धर्मशाला, मंदिर और आश्रम परिसर भीड़ से फुल होने पर देर रात में आने वालों को सर्दी के मौसम में रेलवे स्टेशन, आरती प्लेट फार्म, पक्का घाट समेत मुख्य बाजार में दुकानों की टिन शेड के नीचे रात बिताने को मजबूर होना पड़ा। आधी रात होने पर अधिकांश भक्त गंगा किनारे पहुंच गए, जहां तडके में ब्रह्म मुहूर्त प्रारंभ होते ही हर हर गंगे के जयकारों के बीच मोक्ष दायिनी में डुबकी लगाने का क्रम प्रारंभ हो गया था, जो रविवार की देर शाम तक निरंतर चलता रहा। गंगा में डुबकी लगाने वालों में अधिकांश संख्या उन शिवभक्तों की रही, जिन्होंने हरिद्वार और ब्रजघाट समेत विभिन्न तीर्थ स्थलों से कांवड़ लाकर महाशिव रात्रि पर भगवान आशुतोष का जलाभिषेक किया था।
फाल्गुन अमावस्या के उपलक्ष्य में ब्रजघाट तीर्थनगरी समेत लठीरा के कच्चे घाट और महाभारत कलीन पुष्पावती पूठ में देर रात से लेकर देर शाम तक भक्तों का मेला सा लगा रहा। गंगा में आस्था की डुबकी लगाने के बाद अधिकांश भक्तों ने किनारे पर बैठे पंडितों से भगवान सत्यनारायण की कथा सुनकर दक्षिणा दीं। इसके बाद अधिकांश गंगा भक्तों ने तीर्थनगरी के वेदांत मंदिर, हनुमान मंदिर, आवंतिका देवीसिद्ध पीठ, अमृत परिसर मंदिर आदि में पहुंचकर अपने ईष्ट देवों के समक्ष मत्था टेककर मनौती भी मांगीं। वहीं महानगरों से आए धनाढ्यों ने गरीब निराश्रित और कुष्ठ रोगियों को भोजन वस्त्र का दान देकर पुण्यार्जित किया। सीओ आशुतोष शिवम, इंस्पेक्टर विनोद पांडेय और ब्रजघाट चौकी प्रभारी इंद्रकांत यादव गंगा भक्तों की सुरक्षा समेत अन्य व्यवस्थाओं का जायजा लेते रहे।