कम मूल्य पर गन्ना बेचने के लिए मजबूर किसान
गढ़मुक्तेश्वर, हापुड़। अक्तूबर का आधा महीना गुजरने में है।लेकिन सिंभावली चीनी मिल में पेराई शुरू न होने की वजह से गन्ना किसान कोल्हू पर अपना गन्ना आधी से कम कीमत पर बेचने को मजबूर हैं।और चीनी मिल द्वारा पिछले साल का 165 करोड़ रूपए गन्ना मूल्य का भुगतान लेटलतीफ करने और किसानों की जरूरत के चलते फसल पहले बेचने से काफी नुकसान उठाना पड़ रहा है। जरूरत के चलते किसान नगद दाम मिलने के चक्कर में गन्ने की पेराई सत्र शुरू होने से पहले ही बेच दे रहे हैं। जहां किसानों को बाजिव मूल्य भी नहीं मिल रहा है । सिंभावली चीनी मिल पर अभी पिछले सत्र का करीब 165 करोड़ रूपया गन्ना भुगतान बाकी है। मिल से भुगतान ना मिल पाने के चलते क्षेत्रीय किसान आर्थिक तंगी से जूझ रहे हैं। इसके चलते गन्ना किसानों को ऋणों की अदायगी समेत घरेलू खर्च के लिए सस्ते रेट में कोल्हू क्रशरों पर गन्ना बेचने को मजबूर होना पड़ रहा है। पिछले साल चीनी मिल का पेराई सत्र 2 नवंबर को शुरू हुआ था। लेकिन इस सत्र चीनी मिल द्वारा अभी कोई तैयारी शुरू नहीं की गई है। इसीलिए किसानों को इस बार भी पेराई सत्र देरी से चालू होने का खतरा मंडरा रहा है । किसानों का कहना है। कि मिल चालू न होने से और पिछले सत्र का भुगतान न मिल पाने पर कोल्हुओ पर महज 200 से 250 रुपए प्रति कुंतल की दर से गन्ना बेचना मजबूरी बन गई है।किसानों की जरूरत के चलते फसल पहले बेचने से काफी नुकसान उठाना पड़ रहा है।
मजबूरी में बेच रहे गन्ना तहसील क्षेत्र के गांव झडीना निवासी उपेश त्यागी उर्फ गोलू, यूनिक त्यागी और नयागांव निवासी जितेंद्र राणा का कहना है। आने वाले त्योहारों के चलते और रोज खर्च के लिए रुपयों की जरूरत की वजह से मजबूरी में गन्ने की बिक्री करनी पड़ती है। क्योंकि हम लोगों की आय का एकमात्र स्रोत फसल ही होती है।
गन्ना मूल्य के भुगतान में होती है देरी
झड़ीना के किसान उपेश त्यागी और यूनिक त्यागी का कहना है। कि चीनी मिलों को गन्ना देने के बाद उसका मूल्य मिलने में बहुत समय लगता है। मिल में गन्ना देने के बाद किसान को अपनी ही फसल के मूल्य के लिए मुंह ताकना पड़ता है, जबकि जरूरत पडने पर भुगतान नहीं हो पाता है।
अक्टूबर के अंतिम सप्ताह में चालू होगा पेराई सत्र सिंभावली मिल के सीजीएम करण सिंह ने बताया की मिल के पेराई सत्र को आरंभ करने के लिए तैयारी शुरू कर दी हैं। अक्टूबर के अंतिम सप्ताह में पेराई सत्र चालू कर दिया जाएगा। इसके अलावा किसानों को बकाया गन्ना भुगतान भी लगातार किया जा रहा है।