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वायु प्रदूषण चरम पर होने के बाद भी नहीं रुक रहा कोल्हुओं की चिमनियों का धुआं

By:Yunus Khan हापुड़, गढ़मुक्तेश्वर। तहसील क्षेत्र में अलग अलग स्थानों पर चल रहे कोल्हू की चिमनी से निकल रहा धुआं वायु को प्रदूषित कर रहा है। प्रदूषित वायु से लोगों को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। अफसर जानकर भी अंजान बने हुए हैं। एनजीटी के आदेश के बाद गाजियाबाद, दिल्ली और एनसीआर में प्रदूषण को कम करने के लिए कवायद की जा रही है, लेकिन क्षेत्र में बड़ी संख्या में संचालित कोल्हू भी वायु प्रदूषण फैला रहे हैं। इसकी एक बड़ी वजह यह है कि कुछ कोल्हू में ईंधन के तौर पर पुराने टायरों का इस्तेमाल किया जाता है, इसका जहरीला धुआं ग्रामीणों के लिए परेशानी का सबब बन रहा है। तहसील क्षेत्र में गढ़, बहादुरगढ़, सिभावली में लगभग सौ से अधिक गन्ना कोल्हू वर्तमान में चल रहे हैं। इनकी चिमनियों से निकलने वाले धुएं से क्षेत्र में दिन प्रतिदिन प्रदूषण बढ़ रहा है। गन्ना कोल्हू होने के कारण यहां पर सबसे ज्यादा प्रदूषण फैल रहा है। एनजीटी ने आदेश जारी किए हैं, लेकिन कोल्हू पर सब बेअसर है। प्रदूषण के कारण लोगों को सांस लेने में परेशानी हो रही है। लोगों ने बताया कि क्षेत्र में प्रदूषण का स्तर दिन-प्रतिदिन बढ़ रहा है। एनजीटी को क्षेत्र में वायु प्रदूषण फैला रहे कोल्हू पर प्रतिबंध लगाया जाना चाहिए। कोल्हू में ईंधन के लिए खोई या सूखी पत्तियां जलाई जाती हैं, लेकिन ईंधन की खपत अधिक होने के कारण कोल्हू में पुराने टायर भी डाल दिए जाते हैं। इससे अधिक वायु प्रदूषण फैलता है। इस संबंध में उपजिलाधिकारी अंकित कुमार वर्मा ने बताया कि क्षेत्र में वातावरण को प्रदूषित करने वाले ऐसे कोल्हू की जांच कर कार्रवाई की जाएगी।

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