रौद्र रूप धारण कर रही गंगा की जलधारा से खादर क्षेत्र में मची खलबली
हापुड़, गढ़मुक्तेश्वर। पांच दिनों की राहत के बाद एक बार फिर से रौद्र रूप धारण कर रही गंगा की जलधारा अब खतरे के निशान से महज एक सेंटीमीटर दूर रहने से खादर क्षेत्र में खलबली मच गई है। चौबीस घंटों के भीतर जलस्तर में चालीस सेंटीमीटर की बढ़ोतरी होने के साथ ही बिजनौर बैराज से छोड़ा गया हजारों क्यूसिक पानी छोड़ा गया है। जिससे उफान और अधिक बढऩे से फसलों में बर्बादी होने से पशुओं के चारे का संकट गहराने के साथ ही गंगा खतरे के पास पहुंच गई है। लगातार सातवें दिन भी दिल्ली एनसीआर समेत वेस्टर्न यूपी के मैदानी क्षेत्र में मानसूनी बारिश का क्रम काफी ठंडा रहा। परंतु दूसरी तरफ उत्तराखंड के पहाड़ों में दूर दूर तक झमाझम बारिश होने के साथ ही बादल फटने का सिलसिला थमने का नाम नहीं ले पा रहा है। इसी के चलते एक बार फिर से 198.37 मीटर वाले यलो अलर्ट को पार कर चुकी गंगा नदी की जलधारा अब बड़ी तेजी के साथ 198.74 मीटर वाले खतरे के निशान की तरफ बढ़ रही है। गंगा में अचानक उफान बढऩे से सोमवार की देर शाम को खतरे का निशान महज एक सेंटीमीटर दूर रह गया है। शनिवार की देर शाम से लेकर सोमवार की देर शाम तक चौबीस घंटों के भीतर जलस्तर में चालीस सेंटीमीटर की बढ़ोतरी हुई है। जिससे खादर वासियों में व्याप्त बेचैनी बढऩे के साथ ही जलस्तर में हो रही बढ़ोतरी न थमने पर जल्द ही बाढ़ आने का डर भी सता रहा है। खादर में रहने वाले हजारों परिवारों का कहना है कि पहले ही खेतों में भरा हुआ पानी बाहर न निकलने से फसलों में बड़े स्तर पर बर्बादी होती आ रही थी, परंतु अब फिर से उफान बढऩे पर गंगा का जलस्तर खतरे के पास पहुंचने से फसलों का तबाह होना तय है। पहाड़ों में झमाझम बारिश के साथ ही बादल फटने की घटना होने से टिहरी समेत अन्य बांधों में भी पानी की मात्रा काफी बढ़ी हुई है, जिसे देखते हुए सिंचाई विभाग द्वारा अहतियाती कदम उठाकर बिजनौर बैराज से लगातार पानी छोड़ा जा रहा है। सोमवार की दोपहर में करीब तीस हजार क्यूसिक पानी छोड़ा गया है, जिसके आज सुबह को गढ़ ब्रजघाट क्षेत्र में आने से गंगा के जलस्तर में और भी बढ़ोतरी होने का अनुमान लगाया जा रहा है। भारतीय किसान संघ के जिलाध्यक्ष इंद्रजीत सिंह सोलंकी, प्रधान प्रेमसिंह, टीकम सिंह, सुशील राणा, निरंजन राणा, पूर्व प्रधान बबलू राणा, नौबत सिंह, रामू सिंह, ब्रह्मा सिंह, गेंदा सिंह का कहना है कि जलस्तर में फिर से बढ़ोतरी होने के साथ ही बिजनौर बैराज से पानी छोड़े जाने पर गंगा खतरे के निशान के पास पहुंचने से खादर क्षेत्र में बेचैनी बढ़ती जा रही है। चार दिनों के भीतर जलस्तर में गिरावट और गंगा का उफान थमने से जो राहत मिली थी, वह गंगा में फिर से उफान बढऩे और जलस्तर में बढ़ोतरी होने पर अब गायब हो चुकी है। गंगा का उफान उतरने और जलस्तर में तेजी से गिरावट होने के बाद भी खादर क्षेत्र के ग्रामीणों की समस्या पहले ही दूर नहीं हो पा रही थीं, क्योंकि हजारों बीघा जंगल में भरा हुआ पानी बाहर निकल पाना संभव न होने से फसलों में काफी बर्बादी हो रही है। जिससे छोटी जोत की खेती के साथ ही पशु पालन के सहारे जिंदगी बिताने वाले छोटी जोत के गरीब किसानों के सामने पशुओं के लिए चारे की व्यवस्था कर पाना बड़ी चुनौैती साबित हो रही है। गंगा के उफान से खेतों में पानी भरने के कारण प्राकृतिक घास की व्यवस्था भी संभव नहीं हो पा रही है, क्योंकि गंगा के पानी के साथ मिट्टी की परत घास और चारे की फसल पर जमने से पशु उसे खा नहीं पा रहे हैं।
केंद्रीय जल शक्ति विभाग के गेज अधिकारी आबाद आलम ने बताया कि गंगा नदी में एक बार फिर से उफान आने के कारण यलो अलर्ट को पार कर चुका जलस्तर अब 198.74 मीटर वाले खतरे के निशान से महज एक सेंटीमीटर दूर रह गया है। सोमवार की देर शाम को गंगा का जलस्तर बढकऱ समुद्रतल से 198.73 मीटर के निशान पर पहुंचने के बाद भी बढ़ोतरी का सिलसिला लगातार जारी चल रहा है।
जिला और तहसील प्रशासन में मचा हडक़ंप, अधिकारियों ने दौरा कर स्थिति का जायजा लेते हुए ग्रामीणों को चौकस रहने की नसीहत दी
जलस्तर में तेजी से बढ़ोतरी होने के साथ ही गंगा के खतरे के पास पहुंचते ही जिला एवं तहसील प्रशासन में भी हडक़ंप मच गया है। एडीएम संदीप कुमार सिंह ने एसडीएम साक्षी शर्मा, नायब तहसीलदार पवन कुमार समेत हल्का लेखपाल और राजस्व टीम के साथ गंगा के उफान से प्रभावित कई गांवों का दौरा कर स्थिति को परखा। ग्रामीणों को पूरी तरह चौकस रहने के साथ ही हल्का लेखपाल और राजस्व टीम को गंगा जलस्तर में हो रही बढ़ोतरी पर बारीकी से नजर रखते हुए तहसील में बनाए हुए कंट्रोल रूम को सूचित करने का निर्देश दिया। लठीरा कच्चे घाट के संचालक डीपी निषाद ने गंगा के उफान से हो रहे जलभराव से प्रभावित गांवों में आवागमन के लिए नावों की व्यवस्था कराए जाने की मांग उठाई।
गंगा के उफान से प्रभावित ग्रामीणों को राहत सामग्री वितरित हुई
विधायक हरेंद्र तेवतिया और एसडीएम साक्षी शर्मा ने गंगा के उफान से हुए जलभराव से प्रभावित गांव गड़ावली में पहुंचकर ग्रामीणों को समस्या सुनते हुए उनका निस्तारण कराने का भरोसा दिया। इस दौरान प्रभावित ग्रामीणों को राहत सामग्री के तौर पर आटा, दाल, चावल, नमक, सरसों तेल, दलिया आदि के पैकेट वितरित किए गए।