गर्मी के सितम से खुद को बचाएं- डॉ.सुरेश कुमार
हापुड़। गर्मी से हाल बेहाल है। बुधवार को तापमान 42 डिग्री सेल्सियस तक पहुंच गया। मौसम विभाग के विशेषज्ञों के मुताबिक गुरुवार को तापमान में और भी बढ़ोतरी हो सकती है। शुक्रवार को भी सुबह से भीषण गर्मी शुरू हो गई। जैसे-जैसे दिन चढ़ता गया, तापमान भी बढ़ता चला गया। ऐसे में खेतीबाड़ी व अन्य दैनिक कार्य करने वालों को भारी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। मौसम का असर फसलों पर भी खूब देखा जा रहा है। उधर, बर्फ के कारोबार में बूम आया है। बाजार में उपलब्धता कम हो गई है। क्योंकि इन दिनों जगह-जगह छबील लगी है। झड़ीना पीएचसी के प्रभारी सुरेश कुमार ने बताया कि भीषण गर्मी व इससे होने वाली बीमारियों से बचने के लिए लोगों को इस मौसम में अधिक से अधिक पानी पीना चाहिए। जिससे शरीर में पानी की कमी नहीं होगी। इसके अलावा घर से बाहर निकलने से परहेज करना चाहिए। अगर ज्यादा जरूरी हो तभी घर से बाहर निकले। बच्चों को भी इस गर्मी से बचा कर रखने की जरूरत है। घर से बाहर निकलते समय सूती कपड़े का प्रयोग करें व हो सके तो गीला कपड़ा सिर पर रखें। अगर संभव न हो तो छाते का प्रयोग करें। फ्रिज के ठंडे पानी व कोल्ड ड्रिक से परहेज रखना चाहिए। घड़े का पानी, नींबू पानी अधिक से अधिक सेवन करना चाहिए। वातानुकूलित कमरे से अगर बाहर निकले तब भी एहतियात बरतने की जरूरत है।
दूध उत्पादन पर भी असर
सुबह नौ बजे से पहले ही गर्म हवाएं चलने लगी, 11 बजे तक लू प्रचंड रूप ले चुकी थी। लू के कारण लोगों का घरों से बाहर निकलना भी दूभर हो गया। लू से बचने के लिए लोग घर पर रहना ही पसंद कर रहे हैं। सारा दिन सड़कों पर सन्नाटा पसरा रहता है। विशेषज्ञों के मुताबिक न केवल मनुष्य बल्कि पशुओं पर भी गर्मी का प्रतिकूल असर देखा जा रहा है। पशु हीट स्ट्रोक की चपेट में आने लगे हैं और दूध उत्पादन भी घटकर करीब आधा रह गया है। ऐसे में पशुओं की ओर ध्यान देना भी जरूरी है। पशुओं के कमरे में हवा का विशेष प्रबंध करें और समय-समय पर पानी पिलाते रहें।