आज-कल के बुखार को हल्के में न लें, सेल्फ मेडिकेशन से बचें: डॉ. दिनेश भारती
हापुड़। इन दिनों बरसात में वातावरण में नमी व मौसम में उतार चढ़ाव से वायरल फीवर का कहर तेज हो गया है। डाक्टरों के पास मरीजों की संख्या और बढ़ गई है। चिकित्सालय सरकारी हो या निजी वहां के चिकित्सकों के पास बुखार, बदन, दर्द, सिर दर्द, खांसी की शिकायत लेकर पहले से बहुत अधिक मरीज पहुंचने लगे हैं। अपर मुख्य चिकित्सक अधिकारी डॉ दिनेश कुमार भारती का कहना है कि वायरल का ज्यादा घातक होने पर लीवर व किडनी पर भी असर पड़ता है। उनकी माने तो वैसे तो वायरल दो तीन हफ्तों में ठीक हुआ जा रहा है।पर जहां-जहां वायरल से लोगों को निजात नहीं मिल पा रही है, वहां मरीजों के लीवर से लेकर फेफडे तक पर वायरल अटैक कर रहा है। ऐसे में इसे गंभीरता से लेते हुए तत्काल इलाज कराना चाहिए। उन्होंने कहा है,कि ज्यादातर मरीज खांसी,बुखार, नाक बहने,आंख से पानी, तेज सिर दर्द व बदन दर्द और एलर्जी के इलाज के लिए पहुंच रहे हैं।
एक-दो मरीज ऐसे भी हैं जो बुखार के साथ लाल दाने और सांस फूलने की शिकायत कर रहे हैं। बुखार के साथ ही किडनी व लीवर पर भी असर देखा जा रहा है। इस तरह के मामलों में इलाज में देरी खतरनाक साबित हो सकती है। उन्होंने बच्चों को खासतौर पर ध्यान देने एवं इससे अलर्ट रहने की सलाह दी है। उन्होंने अभिभावकाें को सलाह दी कि यदि तीन से चार दिन तक बच्चों को फीवर कम न हो तो इसे हल्के में न लें। जल्द से जल्द किसी अच्छे चिकित्सक का परामर्श लें। ओर बेड रेस्ट लें, शारीरिक मेहनत से बचें, पूरी नींद ले, पर्याप्त पानी पिए, पौष्टिक आहार का सेवन करें, पैरासिटामाल लें, दर्द निवारक दवाओं से बचें और बुखार आने पर माथे पर ठंडी पट्टी रखें। इसके अलावा वायरल के लक्षणों में बुखार के साथ सांस फूलना, तेज सिर दर्द, मिचली या उल्टी आना और शरीर पर लाल दाने आना हैं।