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सावन मास की अमावस्या पर तीर्थ नगरी ब्रजघाट में आस्था की डुबकी लगाने को लेकर श्रद्धालुओं का उमड़ा जनसैलाब

सावन मास की अमावस्या पर तीर्थ नगरी ब्रजघाट में आस्था की डुबकी लगाने को लेकर श्रद्धालुओं का उमड़ा जनसैलाब

 

गुलफाम सैफी संवाददाता हापुड़

 

जनपद की तीर्थ नगरी ब्रजघाट में सावन मास की अमावस्या पर मोक्षदायिनी पतित पावनी गंगा मैया में आस्था की डुबकी लगाने वालों का उमड़ा जन सैलाब। सावन मास की अमावस्या पर श्रद्धालुओं ने अपने पूर्वजों की आत्मा शांति के लिए आस्था की डुबकी लगाई और दान पुण्य किया।

*श्रावण मास की अमावस्या पर मोक्षदायिनी पतित पावनी गंगा मैया में स्नान करने का क्या है महत्व*

बता दे की श्रावण मास की अमावस्या पर मोक्षदायिनी पतित पावनी गंगा मैया में स्नान करने से पूर्वजों की आत्मा को शांति मिलती है। इस अमावस्या पर मोक्षदायिनी पतित पावनी गंगा मैया में स्नान करने के उपरांत गंगा के किनारे बैठे पुरोहितों से सत्यनारायण भगवान की कथा सुनी जाती है। हमन पूजा इत्यादि अनुष्ठान कराए जाते हैं। और गरीब निराश्रित बेसहारा लोगों को भोजन कराते हैं वस्त्र दान करते हैं। जिससे पूर्वजों की आत्माओं को शांति प्रदान होती है। तीर्थ नगरी ब्रजघाट में गतवर्षों की भांति इस वर्ष भी हरियाणा दिल्ली राजस्थान पंजाब सहित पश्चिमी उत्तर प्रदेश के विभिन्न जिलों से शनिवार की शाम को ही तीर्थ नगरी में श्रद्धालुओं का आगमन शुरू हो गया था। श्रद्धालुओं के आगमन के चलते धर्मशालाएं मंदिरों के परिसर घंटाघर चौक रेलवे स्टेशन एवं खुले आसमान के नीचे श्रद्धालुओं ने रात बिताई और शुभ मुहूर्त सुबह 4:00 बजे हर हर गंगे के जयकारों के साथ मोक्षदायनी पतित पावनी गंगा मैया में आस्था की दुखी लगाने का सिलसिला शुरू हुआ। इसी बीच श्रावण मास की अमावस्या पर दिल्ली हरियाणा फरीदाबाद मेरठ गाजियाबाद गौतम बुद्ध नगर बुलंदशहर सहित अन्य जनपदों से आए धनाढय श्रद्धालुओं ने भंडारे आयोजित किये। और बेसहारा निराश्रित लोगों को भोजन खिलाया गया वस्त्र दान कर अपने पूर्वजों की आत्मा शांति के लिए प्रार्थना की गई।

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