ब्रजघाट में गंगा किनारे हुआ दाह संस्कार, एक ही परिवार के सात लोगों की जिंदा जलकर हुई थी मौत
हापुड़। राजस्थान के सड़क हादसे में मेरठ के एक ही परिवार के सात सदस्यों की जिंदा जलकर मौत हो गई थी। जिनका दाह संस्कार हुआ तो ब्रजघाट गंगा किनारे एक दूसरे के इर्दगिर्द ग्यारह चिता जलने से हर किसी की आंख छलक उठीं। राजस्थान के सीकर जिले में रविवार की दोपहर को भीषण सड़क हादसा होने पर उसमें मेरठ के पूर्व विधायक सत्यप्रकाश अग्रवाल से जुड़े एक ही परिवार के सात लोगों की जिंदा जलकर मौत हो गई थी। क्योंकि दुर्घटना के बाद आग लगने पर कार के दरवाजे लॉक हो जाने से किसी को भी बाहर निकल पाना संभव नहीं हो पाया था। हादसा इतना भीषण था कि अग्निशमन विभाग की आधा दर्जन गाड़ियों को आग बुझाने में करीब दो घंटे का समय लगा था, क्योंकि कार में एलपीजी किट लगी हुई थी। कार को टक्कर मारने वाले ट्रक में रुई और कागज लदा होने से भी आग ने विकराल रूप धारण कर लिया था। उक्त दुर्घटना सालासर बालाजी मंदिर में दर्शन करने के बाद वापस लौटने के दौरान हुई थी। पोस्टमार्टम होने के उपरांत मृतकों के शव मेरठ स्थित आवास पर लाए गए, जहां से सोमवार की दोपहर बाद मृतक नीलम गोयल, आशुतोष गोयल, मंजू बिंदल, हार्दिक, उनकी पत्नी स्वाति, पुत्री दीक्षा और रक्षा के शव ब्रजघाट तीर्थनगरी में लाए गए। जहां श्मशान घाट में एक ही परिवार से जुड़े सात सदस्यों की एक साथ चिता जलीं तो मेरठ कैंट के पूर्व भाजपा विधायक सत्यप्रकाश अग्रवाल परिजन, सगे संबंधी, पड़ोसी और स्थानीय स्तर पर तीर्थपुरोहित, नाव चलाने वाले मल्लाह, फूल प्रसाद बेचने वालों से लेकर हर किसी की आंखों से आंसू गिरने लगे। एक ही परिवार के सात सदस्यों की एक दूसरे के इर्दगिर्द चिता जलने का दृश्य इतना गमगीन था कि हर तरफ अजीब सा सन्नाटा पसरा हुआ था, जहां हर कोई पूरी तरह खामोश नजर आ रहा था।