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दिल में छेद की बीमारी से ग्रसित बच्चों को सर्जरी के लिए हरी झंडी दिखाकर सीएमओ ने किया रवाना

By:Gulfam Saifi हापुड़। दिल में छेद की बीमारी से ग्रसित पांच बच्चों को स्वास्थ्य विभाग की ओर से सर्जरी के लिए डिस्ट्रिक्ट अर्ली इंटरवेंशन सेंटर (डीईआईसी) व मैडिकल कॉलेज अलीगढ़ के लिए भेजा गया। इस दौरान बच्चों के साथ उनके अभिभावकों को भी भेजा गया है। इनमें चार बालिकाएं और एक बालक शामिल है। आपको बता दे सभी छह वर्ष से कम आयु के हैं और गरीब परिवारों से ताल्लुक रखते हैं। राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के अंतर्गत संचालित राष्ट्रीय बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम (आरबीएसके) के तहत इन बच्चों की सर्जरी पूरी तरह निशुल्क होगी। आरबीएसके का उद्देश्य जन्म से लेकर 18 वर्ष तक उनके जन्म दोष, कमियों, बीमारियों एवं विकास में होने वाली देरी और उसके कारण होने वाली कमजोरी की समय से पहले पहचान और हस्तक्षेप करना है। आरबीएसके की मोबाइल टीम की ओर से चिन्हित किए गए यह सभी बच्चे जनपद हापुड़ में सिंभावली ब्लॉक से हैं।

मंगलवार को मुख्य चिकित्सा अधिकारी (सीएमओ) डा. सुनील कुमार त्यागी ने अपने कार्यालय से इन बच्चों को लेकर गई सरकारी एंबुलेंस को हरी झंडी दिखाकर रवाना किया। इस मौके पर कार्यक्रम के नोडल अधिकारी डा. प्रवीण शर्मा, डा. प्रेरणा श्रीवास्तव, जिला कार्यक्रम प्रबंधक (डीपीएम) सतीश कुमार और डीईआईसी मैनेजर डॉ मयंक कुमार मौजूद रहे।

सीएमओ डा. सुनील कुमार त्यागी ने इस मौके पर कहा- बच्चे के दिल में छेद या अन्य कोई जन्मजात कमी या शारीरिक विकृति है तो उसके उपचार की व्यवस्था राष्ट्रीय बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम के अंतर्गत की गई है। जरूरत होने पर कार्यक्रम के अंतर्गत सर्जरी भी कराई जाती हैं। ऐसे परिवार जो महंगी सर्जरी कराने में असमर्थ हैं, उन परिवारों के लिए यह कार्यक्रम बड़ा मददगार साबित हो रहा है। कार्यक्रम के अंतर्गत बच्चों का निशुल्क उपचार कराया जाता है। उन्होंने बताया कार्यक्रम के तहत – दिल में छेद की बीमारी से ग्रसित पांच बच्चों को सर्जरी के लिए मंगलवार को अलीगढ़ भेजा गया है। इन बच्चों की सर्जरी होगी और फिर बच्चे सामान्य जीवन जी सकेंगे। डीईआईसी मैनेजर डा. मयंक कुमार ने बताया – अलीगढ़ डीईआईसी सेंटर के  द्वारा बच्चों की सर्जरी होगी। डीईआईसी सेंटर अलीगढ़ से शुरुआती जांचों के बाद सर्जरी की तिथि निर्धारित की जाएगी। तब तक बच्चे सेंटर पर ही भर्ती रहेंगे। उन्होंने बताया – सर्जरी के ल‌िए अलीगढ़ भेजे गए बच्चों में ढाई वर्षीय तनवी, छह वर्षीय परी, 10 माह की आरुषि, पांच वर्षीय मायरा और चार वर्षीय अशद शामिल हैं। सभी बच्चे गरीब और जरूरतमंद परिवारों से हैं। बच्चों के साथ उनके अभिभावकों को भी अलीगढ़ भेजा गया है।

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